जीरे की कीमतों में उछाल आया है। घरेलू बाजार में जीरे की कीमतों में तेजी है। भाव 6 महीनों की ऊंचाई पर जा पहुंचे हैं। जून के बाद भाव 20960 के पार निकला है। कीमतों में लागातर दूसरे महीने तेजी आई। नवंबर में अब तक 2% की तेजी आई। अक्टूबर में जीरे के दाम 7% से ज्यादा चढ़े थे। मांग में उछाल से कीमतों में तेजी आई।
NCDEX पर जीरे की चाल पर नजर डालें तो 1 हफ्ते में जीरे की कीमतों में 2 फीसदी की बढ़त देखने को मिला। वहीं 1 महीने में इसमें 3 फीसदी की तेजी आई। जनवरी 2025 से अब तक जीरे ने 16 फीसदी की गिरावट देखने को मिली। वहीं 1 साल में 18 फीसदी की गिरावट देखने को मिला।
राजगोर स्पाइसेस ओनर धनंजय राजगोर का कहना है कि 6-7 महीने पहले जीरे में निवेशकों को काफी नुकसान झेलना पड़ा। ऊपरी स्तर से कीमतें काफी नीचे पहुंच गई थी। बाजार के अधिकतर जानकारों का मानना था कि अगर जीरे की कीमतें 20,000 रुपये के ऊपर फिर आती है तो मुनाफावसूली करेंगे। फसलों की अच्छी बुआई की खबरों के चलते कीमतों में उछाल आया है । जीरे की डिमांड काफी अच्छी बनी हुई है। यहीं कारण है कि जीरे में तेजी दिख रही है।
फसलों की आवक पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि जीरे के सबसे बड़ी मंडी में रोजाना की 10,000-12,000 बोरी की आवक है। मेरा मानना है कि केवल घरेलू फ्रंट पर ही जीरे में तेजी नहीं आ सकती है अगर एक्सपोर्ट का सपोर्ट मिलता है तो जीरे में मौजूदा स्तर से और तेजी हो सकता है। वरना मौजूदा स्तर से बिकवाली आ सकती है।
जीरे के कुछ इलाकों में जीरे की बुआई उम्मीद से कम है। हालांकि कच्छ के इलाके में पैदावार अच्छी होने की उम्मीद है। चने और सरसों के भाव ज्यादा होने के कारण राजस्थान में लोग जीरे से घट सकते है। हालांकि इन सभी को देखते हुए कहा जा सकता है कि जीरे की कीमतों में ज्यादा गिरावट की संभावना नजर आ रही है। हालांकि बढ़त भी सीमित रह सकती है।