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महंगे मक्के ने बढ़ाई पोल्ट्री इंडस्ट्री की परेशानी, सरकार से GM मक्के के इंपोर्ट की मांग कर रही इंडस्ट्री

पोल्ट्री इंडस्ट्री सरकार GM मक्के के इंपोर्ट की मांग कर रही है। दरअसल, देश के 3 लाख करोड़ रुपये का पोल्ट्री इंडस्ट्री इन दिनों कच्चे माल की बढ़ती कीमतों से दबाव में है

MoneyControl Newsअपडेटेड Dec 02, 2025 पर 2:29 PM
महंगे मक्के ने बढ़ाई पोल्ट्री इंडस्ट्री की परेशानी, सरकार से GM मक्के के इंपोर्ट की मांग कर रही इंडस्ट्री
पोल्ट्री इंडस्ट्री सरकार GM मक्के के इंपोर्ट की मांग कर रही है।

पोल्ट्री इंडस्ट्री सरकार GM मक्के के इंपोर्ट की मांग कर रही है। दरअसल, देश के 3 लाख करोड़ रुपये का पोल्ट्री इंडस्ट्री इन दिनों कच्चे माल की बढ़ती कीमतों से दबाव में है। ऐसे में मक्का की बढ़ती कीमतें और एथेनॉल इंडस्ट्री से प्रतिस्पर्धा के कारण अब उद्योग संगठनों ने सरकार से जीएम (जेनिटिकली मॉडिफाइड) मक्का के आयात की अनुमति देने की मांग शुरू कर दी है, ताकि उत्पादन लागत पर काबू पाया जा सके।

पोल्ट्री इंडस्ट्री की दलील है कि इंपोर्ट से लागत कम होगी और कीमतों में स्थिरता आएगी। इंडस्ट्री का कहना है कि पोल्ट्री सेक्टर देश में 60 लाख लोगों को रोजगार देता है और प्रोटीन का सबसे सस्ता स्रोत उपलब्ध कराता है। इसके बावजूद कई बार किसान अपनी लागत भी नहीं निकाल पाते।

परेशानी में पोल्ट्री इंडस्ट्री?

मक्का महंगा होने से लागत बढ़ रही है। मक्के का एथेनॉल के लिए डायवर्जन बढ़ा है। डायवर्जन बढ़ने से मक्के का भाव बढ़ा है। देश में हर साल करीब 420 लाख टन मक्का का उत्पादन होता है।इसमें से

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