सोमवार को कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट देखने को मिली है । अमेरिकी में फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में बढ़ोतरी की उम्मीद और चीन के कमजोर मैन्यूफैक्चरिंग आंकड़ों ने कच्चे तेल पर दबाव बनाया है। जुलाई ब्रेंट फ्यूचर्स कल के कारोबार में 55 सेंट यानी 0.7 फीसदी की गिरावट के साथ 79.78 डॉलर प्रति बैरल पर सेंटल हुआ । वहीं WTI क्रूड 54 सेंट यानी 0.7 फीसदी की गिरावट के साथ 76.23 प्रति बैरल पर सेंटल हुआ था।
मार्च महीने में अमेरिका में उपभोक्ता खर्च के आंकड़े सपाट रहेहै। लगातार महंगाई का दबाव बने रहने के कारण यूएस फेड ब्याज दरों में बढ़ोतरी कायम रख सकता है। ऐसे में ANZ Research ने अपने क्लाइंट के लिए जारी नोट में कहा है कि अमेरिकी मौद्रिक नीतियों में कड़ाई जाने रहने की उम्मीद है जिसके चलते एनर्जी और मेटल पर दबाव देखने को मिल सकता है।
इस बीच चाइना के PMI आंकड़ें कमजोर रहे है। रविवार को आए अधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक चीन का PMI आंकड़ा मार्च को 51.9 से गिरकर 49.2 पर आ गया है। ऐसे में यह 50 के स्तर के नीचे फिसल गया है जो महीने दर महीने आधार पर उत्पादन गतिविधियों में गिरावट का संकेत है।
शुक्रवार को एनर्जी कंपनियों की तरफ से जारी मजबूत आंकड़ों के चलते तेल की कीमतें करीब 2 फीसदी की बढ़त के साथ बंद हुई थी। Energy Information Administration के मुताबिक अमेरिकी में आए आंकड़ों से पता चलता है कि क्रूड का उत्पादन घट रहा है वहीं क्रूड की डिमांड बढ़ रही है। फरवरी में अमेरिका में कच्चे तेल का उत्पादन घटकर 1.25 करोड़ बैरल प्रति दिन पर आ गया जो दिसंबर के बाद का सबसे निचला स्तर है।
वहीं इस अवधि में ईंधन की मांग बढ़कर 2 करोड़ बैरल प्रति दिन पर पहुंच गई है। यह नवंबर के बाद का सबसे हाइएस्ट लेवल है। पिछले हफ्ते आए Energy Information Administration के इन आंकड़ों के मुताबिक अमेरिका में क्रूड ऑयल और गैसोलिन के इन्वेंट्री में उम्मीद से ज्यादा गिरावट हुई है। अमेरिका में गर्मियों के ड्राइविंग सीजन के शिखर पर होने के पहले गाड़ियों के ईंधन की मांग में जबरदस्त तेजी की वजह से इन्वेंट्री में कमी आई है।