ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर्स के साथ ग्रोथ की अगली लहर पर होगा फोकस,'इज ऑफ डूइंग बिजनेस' पर देंगे जोर- गिफ्ट सिटी CEO

संजय कौल ने कहा 2026 में ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर्स (GCCs) पर खास ध्यान दिया जाएगा। BFSI सेक्टर लगातार बढ़ता रहेगा। कौल का मानना ​​है कि GCCs, GIFT सिटी की ग्रोथ स्टोरी के अगले बड़े चैप्टर को आगे बढ़ाएंगे।

अपडेटेड Nov 26, 2025 पर 5:41 PM
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उन्होंने आगे कहा कि गिफ्ट सिटी का लोकेशन उसकी सबसे बड़ी ताकत है। गुजरात में इंडस्ट्री, कारोबार को ज्यादा तवज्जो मिलता है।

गुजरात इंटरनेशनल फाइनेंस टेक-सिटी, जिसे GIFT सिटी भी कहा जाता है, अपने विस्तार के अगले फेज़ की तैयारी कर रही है। MD और ग्रुप CEO संजय कौल ने सीएनबीसी -आवाज से बातचीत में कहा कि 2026 में ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर्स (GCCs) पर खास ध्यान दिया जाएगा। BFSI सेक्टर लगातार बढ़ता रहेगा। कौल का मानना ​​है कि GCCs, GIFT सिटी की ग्रोथ स्टोरी के अगले बड़े चैप्टर को आगे बढ़ाएंगे।

सालों तक मज़बूत इंफ्रास्ट्रक्चर बनाने और ग्लोबल फाइनेंशियल प्लेयर्स को आकर्षित करने के बाद, यह शहर अब उन कंपनियों के लिए पसंदीदा जगह बना रहा है जो भीड़भाड़ वाले टियर-1 मेट्रो से आगे देख रही हैं।

उन्होंने कहा कि “हम देखते हैं कि कॉस्ट एफिशिएंसी दूसरे टियर-II शहरों की तुलना में लगभग 15 से 20% कम है। टियर-I शहरों की तुलना में क्वालिटी ऑफ़ लाइफ़ बहुत बेहतर है। टियर-I शहरों की तुलना में आपके पास बहुत सारे प्लस पॉइंट्स हैं। हम GCCs लाने के लिए पूरी कोशिश कर रहे हैं। शुरुआती रिस्पॉन्स बहुत अच्छा रहा है।”


यह शहर इंडिया इंटरनेशनल बुलियन एक्सचेंज के ज़रिए बुलियन ट्रेडिंग में अपनी स्थिति मज़बूत करने के लिए भी काम कर रहा है। कौल ने कहा कि लंबे समय का लक्ष्य यह है कि भारत में इंपोर्ट होने वाला सारा सोना इसी एक्सचेंज से गुज़रे, जिससे पूरी ट्रांसपेरेंसी सुनिश्चित हो और भारत भविष्य में बेंचमार्क कीमतें तय कर सके।

UAE से सोना पहले से ही कॉम्प्रिहेंसिव इकोनॉमिक पार्टनरशिप एग्रीमेंट (CEPA) एग्रीमेंट के तहत GIFT सिटी के ज़रिए आ रहा है, और जैसे-जैसे इकोसिस्टम मैच्योर होगा, ऑपरेशन बढ़ने की उम्मीद है।

उन्होंने इस बातचीत में आगे कहा कि गिफ्ट सिटी की प्लानिंग सालों पहले ही हो गई थी। विदेशी के तर्ज पर देश में सेंटर बनाने की कल्पना की गई थी। 2021-22 में गिफ्ट सिटी का रेगुलेशन बना था। 2021-22 में करीब 100 कंपनियां गिफ्ट सिटी में थीं ,लेकिन आज कंपनियों की संख्या 1000 के भी पार निकल गई है। पिछले 3 महीनों में 105 कंपनियां रजिस्टर हुई हैं। गिफ्ट सिटी में कंपनियों की संख्या लगातार बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि पिछले वित्त वर्ष में कंपनियों का टर्नओवर $110 मिलियन था।

गिफ्ट सिटी में कमर्शियल, रेजिडेंशियल फेसेलिटी की प्लानिंग की है। 21 मिलियन स्क्वायर फीट की मंजूरी दी जा चुकी है। करीब 5 मिलियन स्क्वायर फीट में इमारतें बन चुकी हैं। यहां सारा कंस्ट्रक्शन LED कंप्लांट होता है। बिजली की खपत, जगह के इस्तेमाल पर नियम बने हैं। इमारतें बनाने में नियमों का सख्ती पालन जरूरी है। IIBX में ESC कंप्लायंट गोल्ड में कारोबार होता है।

उन्होंने इस बातचीत में आगे कहा कि आने वाले समय में कंपनियों की संख्या बढ़नी तय है। लोगों का रुझान गिफ्ट सिटी की तरफ बढ़ रहा है। लोग जानना चाहते हैं कि गिफ्ट सिटी क्या है। विदेशों में भी गिफ्ट सिटी के प्रति रुझान है।

हमारी प्रतिस्पर्धा विदेशी सेंटरों से नहीं है। हम खुद के बनाए रास्तों पर चल रहे हैं। विदेशों में भारतीय अच्छा कारोबार कर रहे हैं। विदेशों से भारतीयों को गिफ्ट सिटी में लाएंगे।'इज ऑफ डूइंग बिजनेस' पर हमारा जोर है

उन्होंने आगे कहा कि गिफ्ट सिटी का लोकेशन उसकी सबसे बड़ी ताकत है। गुजरात में इंडस्ट्री, कारोबार को ज्यादा तवज्जो मिलता है। रेगुलेशन का होना भी हमारे लिए अच्छा है। लोगों की गिफ्ट सिटी तक पहुंच बढ़ाने पर फोकस है। गिफ्ट सिटी में कारोबार का सबसे अच्छा माहौल मौजूद है। गिफ्ट सिटी में काराबोर करने, बढ़ाने की सुविधा है। लोगों तक गिफ्ट सिटी के फायदे बताने पर फोकस है।

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