Gold ETF: सोने-चांदी के निवेशकों के चेहरे में इस वक्त अलग ही चमक हैं। गोल्ड-सिल्वर ने पिछले 1 साल में जबरदस्त रिटर्न दिए हैं। अभी भी दोनों के भाव रिकॉर्ड पर रिकॉर्ड लगा रहे हैं। बड़ा सवाल है कि क्या इन स्तरों पर भी अभी एंट्री मारी जा सकती है अगर हां तो तरीका क्या होना चाहिए। क्या फिजिकल फॉर्म अच्छा है या ETF? वैसे World Gold Council की ताजा रिपोर्ट भी कहती है कि गोल्ड ETF का AUM रिकॉर्ड स्तरों पर जा पहुंचे है। गोल्ड- सिल्वर ETF में निवेश के फायदे क्या है और ये फिजिकल गोल्ड लेने से कैसे और कितना बेहतर है?
इन्ही सभी सवालों का जवाब देते हुए CNBC- आवाज़ से एक्सक्लूसिव बातचीत में कोटक AMC के MD नीलेश शाह ने कहा कि 1 सालों में सोने-चांदी में तेजी के पीछे सेंट्रल बैंकों की खरीद रही है। बैंकों ने सोना-चांदी बेचना शुरु किया तो दाम जरुर गिरेंगे। क्योंकि पुराना इतिहास उठाकर देखें तो 1980-2000 तक सेंट्रल बैंक सोना बेच रहे थे। तब सोने के दाम गिरते - गिरते $200 तक पहुंच गए थे। 2022 के बाद सेंट्रल बैंकों ने खरीदारी वापस शुरु की। इसलिए जरुरी है कि सेंट्रल बैंक की खरीद -बिक्री पर नजर रखें।
उन्होंने आगे कहा कि वहीं डायमंड लैब ग्रोन डायमंड के आने से नैचुरल डायमंड के दाम गिरे। लैब में सोना भी बनाने की कोशिशें जारी हैं। लैब में अभी सोना बनने में काफी वक्त लगेगा। तकनीक के सहारे आज कुछ भी संभव हो रहा है।
फिजिकल गोल्ड से बेहतर है ETF गोल्ड
ETF फिजिकल गोल्ड पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि ETF फिजिकल गोल्ड से हर हाल में बेहतर है। ETF गोल्ड में लेन-देन की लागत काफी कम है। ETF गोल्ड लेने पर निवेश सुरक्षित रहता है। बाजार को सेबी रेगुलेट करता है। फिजिकल गोल्ड लेने के लिए ज्वेलर के पास जाना पड़ता है। डिजिटल गोल्ड घर बैठे खरीदना संभव होता है। इसमें कोई मेकिंग चार्ज नहीं लगते हैं। महिलाएं ज्वेलर के यहां छोटी छोटी बचत जमा करवाती हैं। कई बार ज्वेलर भाग भी जाते हैं।
सिल्वर ETF पर क्या हैं राय
वहीं सिल्वर पर बात करते हुए नीलेश शाह ने कहा कि सिल्वर का भाव 10 फीसदी प्रीमियम पर चल रहा है। सिल्वर के लिए ग्लोबल भाव और रुपया अहम हैं। इसके भाव डॉलर के आधार पर तय होते हैं। इंपोर्ट ड्यूटी और GST भी अलग से लगती है। सिल्वर ETF खरीदने पर आप ये प्रीमियम भी दे रहे हैं। दुनिया में सिल्वर की कमी के कारण भाव प्रीमियम पर हैं। बाजार में मांग के मुताबिक सिल्वर की सप्लाई कम है।
उन्होंने निवेशकों को सलाह देते हुए कहा कि सोने में पूरी तेजी सेंट्रल बाईंग के कारण है अगर सेंट्रल बैंक बेचना शुरु करता है तो कीमतों में गिरावट आएगी। अगर सेंट्रल बैंक ने अपनी खरीदारी बंद भी कर दी तब भी कीमतों में करेक्शन आ सकता है। ऐसे में निवेशकों को यहीं सलाह होगी कि प्रीमियम देखें और टेक्नोलॉजी और सेंट्रल बैंक पर नजर रखें और सीमित मात्रा में निवेश करें।
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