Gold Price : सोने की कीमतें शुक्रवार को अस्थिर नजर आई। मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (एमसीएक्स) पर सितंबर डिलीवरी वाले सोने का वायदा भाव शुरुआती कारोबार में ₹421 बढ़कर ₹1.09 लाख प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गया। गुडरिटर्न्स के आंकड़ों के अनुसार अक्टूबर 2025 का वायदा कुछ समय के लिए ₹1.09 लाख प्रति 10 ग्राम के अपने ऑल टाइम हाई के करीब पहुंच गया। हाजिर बाजार में 24 कैरेट सोना ₹1.10 लाख प्रति 10 ग्राम के आसपास रहा।
वैश्विक स्तर पर हाजिर सोना 03:11 GMT तक 3,646.23 डॉलर प्रति औंस पर बना रहा, जो पिछले सत्र से थोड़ा ही बदला है। बुधवार 17 सितंबर को कीमतें 3,707.40 डॉलर प्रति औंस के ऑल टाइम हाई को छू गई थीं, जिसके बाद कीमतें नीचे आ गईं।
दिसंबर डिलीवरी वाला अमेरिकी सोना वायदा भी 3,678.90 डॉलर प्रति औंस पर स्थिर रहा।
इस हफ़्ते की शुरुआत में फ़ेडरल रिज़र्व द्वारा की गई 25 बेसिस प्वाइंट की ब्याज दरों में कटौती ने निरंतर ढील चक्र की उम्मीदें जगाईं, लेकिन भविष्य की नीतियों पर उसके सतर्क रुख ने सोने की बढ़त को सीमित कर दिया। फ़ेडरल रिज़र्व के अध्यक्ष जेरोम पॉवेल ने इस कदम को श्रम बाज़ार में नरमी के जवाब में एक "जोखिम प्रबंधन कटौती" बताया, लेकिन चेतावनी दी कि स्थिर मुद्रास्फीति आगे की कटौती की गति को धीमा कर सकती है।
कैपिटल डॉट कॉम के विश्लेषक काइल रोडा ने कहा, सोने में अभी भी तेजी का रुख बना हुआ है, लेकिन निश्चित रूप से इसकी चाल थोड़ी ठंडी पड़ गई है। उन्होंने कहा कि सोने की कीमत को 3,700 डॉलर प्रति औंस के स्तर पर पुनः पहुंचने के लिए कमजोर अमेरिकी आंकड़ों की आवश्यकता हो सकती है।
मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड के विश्लेषक मानव मोदी ने कहा, "सोने की कीमतों में भारी उतार-चढ़ाव देखा गया, क्योंकि कुछ मुनाफावसूली के बाद, पिछले सत्र के दूसरे भाग में तेज़ी से सुधार देखा गया। अमेरिकी फेड ने दरों में कटौती फिर से शुरू कर दी है और आगे भी ढील देने का रास्ता खोल दिया है, लेकिन साथ ही मुद्रास्फीति में स्थिरता की चेतावनी भी दी है, जिससे भविष्य में ढील की गति पर संदेह पैदा हो रहा है।"
GJEPC के ED सब्यसाची रे ने कहा कि ग्लोबल कारणों का सोने की कीमतों पर असर पड़ता है। ट्रंप टैरिफ, रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर अनिश्चतिता बनी हुई है। बाजार मान रहा था कि यूएस में दरें घटी तो सोने में गिरावट आएगी। अमेरिकी फेड ने इस साल 2 कटौती के संकेत भी दिए हैं। उन्होंने कहा कि टैरिफ को लेकर हालात सामान्य होने तक दाम नहीं होने वाले है। टैरिफ के कारण भी बाजार में बहुत अनिश्चितता है।
सोने में तेजी के बाद भी मांग कम नहीं हुई है। ये दीवाली इंडस्ट्री के लिए अच्छी रहने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि सोने का बाव 1.09 लाख पर बेस बनाता हुआ दिख रहा है। कीमतों में स्थिरता आने पर मांग और बढ़ेगी।
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