Gold Price Today: इक्विटी बाजार में कमजोरी और जियोपॉलिटिकल टेंशन के बीच निवेशक बुलियन मार्केट की तरफ अपना रुख कर रहे हैं। यहीं कारण है कि सोने में बुलरन जारी हैं। एमसीएक्स गोल्ड सितंबर 2025 तिमाही में लगातार 8वीं तिमाही में बढ़त दर्ज करने के लिए तैयार है, जो 13 सालों में इसकी सबसे लंबी जीत के सिलसिले को दर्शाती हैं।
सितंबर तिमाही में गोल्ड कॉन्ट्रैक्ट में 14 फीसदी की बढ़त देखने को मिली , जो 2 साल पहले शुरू हुई तेजी को और आगे बढ़ा रही है। अगर यह बढ़त बरकरार रहती है, तो यह सितंबर 2012 की तिमाही के बाद से सबसे तेज़ बढ़त होगी, जब सोने ने लगातार 10 तिमाहियों में बढ़त देखने को मिली थी।
2025 में सोने की कीमतों में लगभग 45 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है, जो अब तक की सबसे बड़ी वार्षिक तेजी है। पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा फेडरल रिजर्व के अध्यक्ष जेरोम पॉवेल की आलोचना से शेयर बाजार में आई गिरावट के बाद सुरक्षित निवेश के विकल्प के रूप में वैश्विक स्तर पर हुई खरीदारी के कारण, सोने की कीमतें 1.09 लाख रुपये प्रति 10 ग्राम के ऑल टाइम हाई को छू गईं। इस साल सितंबर में होने वाली फेड द्वारा ब्याज दरों में कई बार कटौती की संभावना ने भी इस तेजी को और बढ़ावा दिया है।
हाल ही में गोल्डमैन सैक्स ने पूर्वानुमान लगाया है कि यदि निवेशक अपनी ट्रेजरी होल्डिंग का एक अंश भी सोने में पुनः आवंटित करते हैं, तो सोना 5,000 डॉलर प्रति औंस तक पहुंच सकता है, क्योंकि इसके लिए अमेरिकी केंद्रीय बैंक में राजनीतिक हस्तक्षेप का खतरा है।
एक्सचेंज ट्रेडेड फंड्स (ETFs) में निवेशकों की तेजी से दिलचस्पी बढ़ रही है। इस साल यूटीआई गोल्ड ईटीएफ ने सबसे ज्यादा 41 फीसदी रिटर्न दिया है। भौतिक रूप से समर्थित गोल्ड ईटीएफ ने अगस्त में 5.5 अरब डॉलर का निवेश आकर्षित किया, जो लगातार तीसरे महीने का निवेश है। इस साल अब तक का निवेश 47 अरब डॉलर तक पहुंच गया है, जो 2020 के बाद रिकॉर्ड स्तर पर दूसरा सबसे बड़ा निवेश है।
वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल के अनुसार बढ़ती मांग के कारण प्रबंधन के तहत ईटीएफ एसेट 407 बिलियन डॉलर तक पहुंच गई हैं, तथा वैश्विक होल्डिंग 3,692 टन है - जो नवंबर 2020 में 3,929 टन के ऑल टाईम पीक से महज 6 फीसदी कम है।
गोल्ड की तेजी में चांदी भी शामिल हो गई है। एमसीएक्स चांदी सितंबर तिमाही में 18 प्रतिशत बढ़ी, जो पिछली 5 तिमाहियों में सबसे तेज़ बढ़त और लगातार तीसरी तिमाही में तेजी दिखाती है। 2025 में अब तक चांदी 44 फीसदी चढ़ चुकी है, जिससे यह 2010 के बाद से अपने सबसे मज़बूत वार्षिक प्रदर्शन की ओर अग्रसर है।
बाजार दिग्गजों का कहना है कि चांदी को मजबूत औद्योगिक मांग से लाभ मिल रहा है। एक्सिस म्यूचुअल फंड ने हाल ही में अपने नोट में चांदी के प्रति निवेशकों की गहरी रुचि को उजागर किया है, जिसमें चांदी-आधारित उत्पादों में रिकॉर्ड निवेश और वायदा कारोबार में तेजी की स्थिति ने मेटल्स के भविष्य में विश्वास को रेखांकित किया है। फंड ने कहा कि विविध पोर्टफोलियो के लिए सोना और चांदी दोनों ही रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण बने हुए हैं । सोना अनिश्चितता के दौरान स्थिरता प्रदान करता है जबकि सिल्वर लंबी अवधि में इंडस्ट्रियल ग्रोथ से जुड़ा एक्सपोजर है। दोनों ही मेटल्स डाइवर्सिफाइड पोर्टफोलियो के लिए स्ट्रैटेजिक अहमियत रखते हैं।
इस बीच एक्सपर्ट्स का कहना है कि भारत में रिकॉर्ड प्राइस पर उपभोक्ता पुरानी ज्वेलरी बेचकर मुनाफा बुक कर रहे हैं। सरकार हॉलमार्किंग स्टैंडर्ड्स का विस्तार कर रही है, जिससे लो-प्योरिटी ज्वेलरी तक पहुंच आसान होगी। त्योहारी सीजन में फिजिकल डिमांड ट्रेंड तय करेगा।
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