Gold Price: सोने में दबाव जारी, क्या 1 लाख के नीचे फिसलेगा दाम, निवेश के लिए कैसा है समय

Gold Price: हर्षल बारोट ने कहा कि अमेरिका में ब्याज दरों की उम्मीद से सोने-चांदी के दाम गिर रहे हैं। सोने में अप्रत्याशित तेजी के बाद बिकवाली होना लाजमी है। उन्होंने आगे कहा कि अमेरिका और चीन के बीच डील की उम्मीदों का असर भी कीमतों पर पड़ रहा है। सोना 3500 डॉलर पर बेस बनाता हुआ दिखाई देगा

अपडेटेड Oct 29, 2025 पर 2:45 PM
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Gold Price Today:इस सप्ताह की शुरुआत में भारी गिरावट के बाद बुधवार 29 अक्टूबर को भारत में सोने की कीमतों में नरमी जारी रही

इस सप्ताह की शुरुआत में भारी गिरावट के बाद बुधवार 29 अक्टूबर को भारत में सोने की कीमतों में नरमी जारी रही। यह वैश्विक स्तर पर आई कमजोरी को दर्शाता है क्योंकि अमेरिका-चीन व्यापार तनाव कम होने से सुरक्षित निवेश वाली सेफ हेवन की मांग कम हो गई। गुडरिटर्न्स के आंकड़ों के अनुसार बुधवार को 24 कैरेट सोने की कीमत ₹12,158 प्रति ग्राम रही, जबकि 22 कैरेट सोने की कीमत ₹11,145 प्रति ग्राम रही।

अंतराष्ट्रीय बाजार में हाजिर सोना 0.2% बढ़कर 3,957.42 डॉलर प्रति औंस हो गया, जो मंगलवार (28 अक्टूबर) को 7 अक्टूबर के बाद के सबसे निचले स्तर पर गिरने के बाद थोड़ा सुधर रहा है। दिसंबर डिलीवरी के लिए अमेरिकी सोना वायदा भाव पिछली बार 0.3% की गिरावट के साथ 3,971.20 डॉलर प्रति औंस पर देखा गया था।

एचडीएफसी सिक्योरिटीज के वरिष्ठ विश्लेषक (कमोडिटीज) सौमिल गांधी ने कहा, "सुरक्षित निवेश वाली मांग में कमी के कारण सोने में गिरावट आई।"


ट्रेडर्स का कहना है कि संभावित अमेरिका-चीन व्यापार समझौते को लेकर आशावाद ने सोने से हटकर शेयरों और जोखिम भरी संपत्तियों में निवेश को बढ़ावा दिया है। दोनों पक्षों के शीर्ष अधिकारियों ने हाल ही में आगे टैरिफ न लगाने और प्रमुख निर्यातों पर प्रतिबंधों में ढील देने के लिए एक मसौदा रूपरेखा पर सहमति व्यक्त की है।

क्या हैं एक्सपर्ट्स की राय 

इंडिया बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन (आईबीजेए) की उपाध्यक्ष अक्ष कंबोज ने कहा, "इस साल 50% से ज़्यादा की तेज़ी के बाद, कुछ मुनाफ़ाखोरी की उम्मीद थी।" उन्होंने आगे कहा, "यह दौर नई तेज़ी की बजाय कंसोलिडेशन जैसा ज़्यादा लग रहा है, इसलिए निवेशकों को हाल के उच्च स्तरों का पीछा करने के बजाय धीरे-धीरे निवेश बढ़ाना चाहिए।"

हालांकि सोने में श़ॉर्ट टर्म नजरिया सतर्क बना हुआ है। कम ब्याज दरें, भू-राजनीतिक अनिश्चितता और केंद्रीय बैंकों की लगातार खरीदारी, पोर्टफोलियो हेजिंग के रूप में सोने के दीर्घकालिक पक्ष को मज़बूती दे रही है।

मेटल्स फोकस के हर्षल बारोट ने कहा कि अमेरिका में ब्याज दरों की उम्मीद से सोने-चांदी के दाम गिर रहे हैं। सोने में अप्रत्याशित तेजी के बाद बिकवाली होना लाजमी है। उन्होंने आगे कहा कि अमेरिका और चीन के बीच डील की उम्मीदों का असर भी कीमतों पर पड़ रहा है। सोना 3500 डॉलर पर बेस बनाता हुआ दिखाई देगा। हालांकि उनका मानना है कि 2026 के अंत तक सोना 4800 -5000 डॉलर प्रति औंस तक पहुंच सकता है। लिहाजा निवेशकों के लिए गिरावट में खरीदारी की सलाह होगी।

(डिस्क्लेमर: मनीकंट्रोल.कॉम पर दिए गए विचार एक्सपर्ट के अपने निजी विचार होते हैं। वेबसाइट या मैनेजमेंट इसके लिए उत्तरदाई नहीं है। यूजर्स को मनी कंट्रोल की सलाह है कि कोई भी निवेश निर्णय लेने से पहले सार्टिफाइड एक्सपर्ट की सलाह लें।

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