गोल्ड ने कमोडिटी एक्सचेंज एमसीएक्स पर एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है। एमसीएक्स के 20 साल के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है। 2025 में हर महीने एमसीएक्स पर गोल्ड फ्यूचर्स ने इनवेस्टर्स को पॉजिटिव रिटर्न दिया है। एमसीएक्स पर इस साल जनवरी से सितंबर तक के गोल्ड के रिटर्न के डेटा उपलब्ध हैं। इसकी बड़ी वजह इस साल गोल्ड की कीमतों में जारी तेजी है। इस साल गोल्ड ने 40 फीसदी से ज्यादा रिटर्न दिया है।
सितंबर में अब तक गोल्ड ने सबसे ज्यादा 12 फीसदी रिटर्न दिया
इस साल जनवरी में Gold Futures का रिटर्न 7.7 फीसदी रहा। फरवरी में 3.7 फीसदी, मार्च में 4.6 फीसदी, अप्रैल में 5.9 फीसदी, जून में 0.6 फीसदी, जुलाई में 2.5 फीसदी, अगस्त में 4 फीसदी और सितंबर में सबसे ज्यादा 11.7 फीसदी रिटर्न रहा। एनालिस्ट्स का कहना है कि गोल्ड फ्यूचर्स में हर महीने तेजी की कई वजहें हैं। इनमें सुरक्षित निवेश के लिए गोल्ड में निवेश, त्योहारों और शादियों के दौरान गोल्ड की खरीदारी और डॉलर के मुकाबले रुपये में लगातार कमजोरी शामिल हैं।
अंतरराष्ट्रीय बाजार में गोल्ड 3,800 डॉलर प्रति औंस के करीब
24 सितंबर को एमसीएक्स पर गोल्ड फ्यूचर्स में हल्की कमजोरी दिखी। दोपहर 2:18 बजे गोल्ड फ्यूचर्स 236 रुपये यानी 0.21 फीसदी गिरकर 1,13,600 रुपये प्रति 10 ग्राम चल रहा था। विदेश में 24 सितंबर को गोल्ड में तेजी का रुख दिखा। अब गोल्ड 3,800 डॉलर प्रति औंस के करीब पहुंच गया है। स्पॉट गोल्ड 0.4 फीसदी चढ़कर 3,778.78 डॉलर प्रति औंस था। 23 सितंबर को स्पॉट गोल्ड 3,790.82 डॉलर प्रति औंस तक पहुंच गया था। 24 सितंबर को गोल्ड फ्यूचर्स 0.1 फीसदी चढ़कर 3,812.10 डॉलर प्रति औंस था।
गोल्ड में तेजी जारी रहने की ये हैं वजहें
इंडियन बुलियन एंड ज्वेलर्स एसोसिएशन की वाइस प्रेसिडेंट अक्षा कंबोज ने कहा कि अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व के आगे इंटरेस्ट रेट में और कमी करने की उम्मीद से गोल्ड चढ़ रहा है। डॉलर के मुकाबले रुपये में कमजोरी और त्योहारी सीजन की वजह से भी गोल्ड को सपोर्ट मिल रहा है। उधर, कामा ज्वेलरी के एमडी कोलिन शाह ने बताया, "गोल्ड के 1.10 लाख के पार जाने की कई वजहें हैं। इनमें जियोपॉलिटिकल टेंशन, ट्रेड पर टैरिफ का असर और अमेरिकी इकोनॉमी से जुड़े डेटा शामिल हैं। अमेरिका में इंटरेस्ट रेट और घटने की उम्मीद है।"
गोल्ड में तेजी जारी रहने के आसार
एक्सपर्ट्स का कहना है कि गोल्ड का आउटलुक स्ट्रॉन्ग है। इससे गोल्ड में तेजी का रुख जारी रहने की उम्मीद है। अमेरिका में फेड के इस साल इंटरेस्ट रेट में और कमी करने की उम्मीद है। दूसरा, डॉलर के मुकाबले रुपये में कमजोरी जारी है। अगले महीने धनतेरस और दिवाली है। इंडिया में धनतेरस और दिवाली पर बुलियन खरीदना शुभ माना जाता है। जियोपॉलिटकल टेंशन और ट्रेड पर टैरिफ का असर पड़ रहा है। डॉलर में कमजोरी से लोकल करेंसी में गोल्ड खरीदना सस्ता हो जाता है।