Gold Rate Today: सोने की कीमतें 1,120,000 रुपये प्रति 10 पहुंचने के बाद ग्राहकों के साथ ज्वैलरी कारोबरी भी परेशान है। गोल्ड के रेट पीक पर लेवल पर पहुंचने से ज्वैलरी की सेल घट गई है। ग्राहकों को बनाए रखने के लिए ज्वैलर्स 14 और 18 कैरेट के बाद 9 कैरेट गोल्ड की ज्वैलरी बना रहे हैं। ताकि, इससे ग्राहकों के लिए कीमतें कम हो और वह ज्वैलरी खरीदें। सोने के कीमतों में तेजी से भारतीय ज्वैललर्स के साथ दुबई के भी कारोबारी परेशान हैं।
दुबई के कारोबारी भी गोल्ड महंगा होने से हुए परेशान
दुबई में भारतीय गहनों के सबसे बड़े आयातक बाफलेह ज्वैलरी सोने की रिकॉर्ड कीमतों से परेशान है। कंपनी अब हल्के डिजाइन और कम कैरेट वाले गहनों की ओर रुख कर रहे हैं, क्योंकि महंगे सोने की वजह से ग्राहकों की मांग लगातार घट रही है।
कीमतों ने पहुंचाया इंडस्ट्री को नुकसान
कंपनी के एमडी रमेश वोरा ने बताया कि इस साल के पहले आठ महीनों में भारत से केवल 600-700 किलो गहनों का आयात किया गया है, जबकि पिछले पूरे साल यह आंकड़ा 1.2 टन था। कीमतें बढ़ने से इंपोर्ट वैल्यू तो ज्यादा हो गया है, लेकिन क्वांटिटी में 20-30% की गिरावट आई है। उन्होंने कहा कि तीन महीने पहले सोने की कीमत 2,200-2,500 डॉलर प्रति औंस थी, जो अब 3,600 डॉलर प्रति औंस तक पहुंच गई है। वोरा का मानना है कि सोना आगे 4,000 डॉलर प्रति औंस तक जा सकता है।
ज्वैलरी कंपनी बदल रही हैं स्ट्रैटजी
कंपनी की रणनीति अब बदल रही है। अगले महीने से 14 कैरेट के आभूषण पेश किए जाएंगे, ताकि सोने की मात्रा कम करने के बावजूद डिजाइन और रंग की गुणवत्ता बनी रहे। इसके लिए कंपनी कोलकाता और दिल्ली के सप्लायर के साथ मिलकर काम कर रही है। यह बदलाव इसलिए भी जरूरी है क्योंकि सोने की अस्थिरता से बाजार में रोज लगभग 50 डॉलर का उतार-चढ़ाव हो रहा है।
हालांकि बाफलेह ज्वैलरी को भारत-दुबई एसआईपीए स्पेशल इम्पोर्ट प्रमोशन अथॉरिटी व्यवस्था से शुल्क मुक्त आयात का फायदा मिलता है, लेकिन सोने की बढ़ती कीमतों ने पूरे कारोबार को 30-40% तक घटा दिया है। वोरा ने कहा कि सोने की कीमतें चाहे कितनी भी बढ़ें, भारतीय गहनों की मांग हमेशा बनी रहेगी। उन्होंने इटली, तुर्किये, सिंगापुर और इंडोनेशिया जैसे देशों के मशीन से बने गहनों की कैलकुलेशन करते हुए कहा कि भारत की हाथ से बनी कारीगरी की बराबरी कोई नहीं कर सकता। भारतीय गहने आज भी दुनिया की पहली पसंद हैं और उनकी खासियत किसी भी अन्य देश से अलग है।