Noida Atta Market:नोएडा के सेक्टर-18 का नाम लेते ही सबसे पहले दिमाग में अट्टा मार्केट का नाम आता है। आज भले ही यहां बड़े-बड़े मॉल्स खड़े हों, लेकिन लंबे समय तक अट्टा मार्केट ही लोगों की पहली पसंद रही। यही वजह है कि इसे कभी नोएडा का कनॉट प्लेस तो कभी मिनी सरोजिनी नगर कहते आए हैं। लेकिन क्या आपको पता है कि नोएडा अट्टा मार्केट का मालिक कौन है या कौन था?
क्यों पड़ा अट्टा मार्केट नाम?
करीब 50 साल पहले यह बाजार एक साधारण गांव का हाट था, जहां गेहूं का आटा यानी अट्टा ज्यादा बिकता था। जिसके कारण लोग इसे इन नाम से जानने लगे। समय के साथ यहां कपड़े, बर्तन, ज्वैलरी, किराना और खाने-पीने की दुकानें खुलने लगीं। आज यहां 700 से ज्यादा दुकानें हैं, जिनमें कपड़ों से लेकर इलेक्ट्रॉनिक्स, टैटू शॉप्स और रेस्तरां तक मौजूद हैं।
दिल्ली मेट्रो ने बदली पहचान
दिल्ली मेट्रो की ब्लू लाइन जब सेक्टर-18 मेट्रो स्टेशन तक पहुंची तो इसने बाजार को और पहचान दी। मेट्रो के एक ओर पुराना और रौनकभरा अट्टा है, तो दूसरी ओर बड़े-बड़े मॉल्स और ब्रांडेड आउटलेट्स। यह नजारा आज भी अट्टा की खासियत को और मजबूत करता है।
क्या अट्टा मार्केट का मालिक कोई है?
लोगों के मन में अक्सर सवाल आता है कि आखिर इस मशहूर बाजार का मालिक कौन है। दरअसल, अट्टा मार्केट किसी एक व्यक्ति या संस्था के स्वामित्व में नहीं है। यहां की दुकानें प्राइवेट तौर पर खरीदी या किराए पर ली जाती हैं।
बाजार का मैनेजमेंट और विकास नोएडा अथॉरिटी के हाथ में है, जो उत्तर प्रदेश सरकार के तहत काम करती है। यही संस्था यहां की जमीन, दुकानें और नियम तय करती है। दुकानें आमतौर पर बोली यानी बिडिंग लगाकर दी जाती हैं। वहीं, रोजमर्रा की देखरेख और दुकानदारों से जुड़े मसलों को सेक्टर-18 मार्केट एसोसिएशन संभालती है।
शुरुआती दौर में अट्टा युवाओं का हॉटस्पॉट माना जाता था, जहां कैफे और कपड़ों की दुकानें सबसे ज्यादा चलती थीं। लेकिन अब यहां फैमिली भीड़ ज्यादा दिखती है। कई कैफे की जगह ज्वैलरी शोरूम, आई केयर स्टोर और घरेलू जरूरतों की दुकानें खुल गई हैं।
दिल्ली के सीपी, जनपथ और सरोजिनी नगर से भी कई कारोबारी यहां अपना कारोबार शिफ्ट कर चुके हैं, क्योंकि यहां ग्राहकों की तादाद लगातार बनी रहती है। हालांकि फुटपाथ पर रेहड़ी-पटरी वाले दुकानदारों की वजह से अतिक्रमण भी बाजार में बड़ी समस्या है। समय बदल गया, भीड़ का अंदाज बदल गया लेकिन अट्टा मार्केट आज भी नोएडा की पहचान बना हुआ है।