सरकार ने यूनिफायड पेंशन स्कीम (यूपीएस) की शुरुआत अलग-अलग पेंशन स्कीमों के रिटायरमेंट बेनेफिट्स को एक स्कीम के तहत लाने के मकसद से की थी। यूपीएस में वर्कर्स को रिटायरमेंट के वक्त गारंटीड और सेक्योर इनकम मिलती है। स्वैच्छिक रिटायरमेंट के लिए इस स्कीम के नियम और शर्तें स्पष्ट हैं।
वीआरएस के लिए उम्र और सर्विस पीरियड की शर्तें
अगर कोई एंप्लॉयीज UPS के तहत स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेना चाहता है तो उसे उम्र और सर्विस से जुड़ी कुछ शर्तों का पालन करना पड़ता है। सर्विस में फिक्स्ड साल पूरे होने पर ही पेंशन का बेनेफिट मिलता है। इस स्कीम में एक्रुड बेनेफिट्स का भी प्रोटेक्शन मिलता है। यह इसलिए जरूरी है क्योंकि एंप्लॉयी को समय से पहले रिटायरमेंट के बाद आर्थिक सहारे की जरूरत होती है। इस स्कीम की एक खास बात यह है कि इसमें पेंशन का डिस्बर्सल समय पर होता है।
रिटायरमेंट के बाद पेंशन शुरू हो जाती है
पेंशन की व्यवस्था इस तरह से बनाई गई है कि स्वैच्छिक निवृत्ति या तय समय पर रिटायरमेंट के एक निश्चित समय में पेंशन मिलना शुरू हो जाता है। पहले की स्कीमों में पेंशन शुरू होने में काफी समय लग जाता था। इस कमी को यूपीएस में दूर कर दी गई है। हालांकि, इसमें एक से तीन महीने का वक्त लगता है। इस स्कीम में यह सुनिश्चित करने की कोशिश की गई है कि रिटायरमेंट के बाद एंप्लॉयी के पेंशन में अफसरशाही आड़े नहीं आए।
वीआरएस का फैसला सोचसमझ कर लेने की सलाह
यूपीएस में एंप्लॉयी को मिनिमम पेंशन की गारंटी मिलती है। इसका फायदा यह है कि मार्केट में उतारचढ़ाव या कंट्रिब्यूशन में किसी तरह की कमी के बावजूद रिटायरमेंट पर एंप्लॉयी पेंशन को लेकर आश्वस्त होता है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि इसके बावजूद एंप्लॉयी को वॉलेंटरी रिटायरमेंट का फैसला लेने से पहले पूरी तरह से सोचविचार कर लेना चाहिए। एंप्लॉयी को खासकर अपनी मौजूदा लायबिलिटी और भविष्य की जरूरतों पर गौर कर लेना चाहिए।
वीआरएस के लिए 20 साल का सर्विस पीरियड जरूरी
यूपीएस के नियमों में यह कहा गया है कि अगर एंप्लॉयी 20 साल की नौकरी पूरी करने के बाद वॉलेंटरी रिटायरमेंट लेने का फैसला करता है तो उसे सर्विस पीरियड के अनुपात में रिटायरमेंट बेनेफिट्स मिलेंगे। हालांकि, वह एक बार एकमुश्त पेमेंट (10 फीसदी) का हकदार होगा। अंतिम विड्रॉल (60 फीसदी) वीआरएस के वक्त मिलेगा। इस स्कीम में वीआरएस यानी वॉलेंटरी रिटायरमेंट के लिए सर्विस पीरियड को 25 साल से घटाकर 20 साल कर दिया गया है।
फुल एश्योरेंड पेमेंट 25 साल के सर्विस पीरियड के बाद
इस स्कीम में फुल एश्योर्ड पेमेंट एंप्लॉयी की सर्विस 25 साल पूरी होने के बाद ही मिलेगा। अगर वीआरएस के बाद लेकिन एश्योरेंड पेंशन शुरू होने से पहले पेंशनर की मौत हो जाती है तो उसकी पत्नी/पति को पेंशनर के निधन की तारीख से फैमिली पेआउट शुरू हो जाएगी।