गोल्ड की कीमतों में 26 नवंबर को भी गिरावट दिखी। 18 नवबर के बाद सबसे निचले स्तर को छूने के बाद थोड़ी रिकवरी दिखी। स्पॉट गोल्ड का प्राइस 2,624.41 डॉलर प्रति औंस था। यूएस गोल्ड फ्यूचर्स 2,624.70 डॉलर प्रति औंस था। एक दिन पहले भी गोल्ड 3 फीसदी गिरा था। इंडिया में 24 कैरेट गोल्ड का भाव 1,090 रुपये की गिरावट के साथ 7,871.3 रुपये प्रति ग्राम था। 22 कैरेट गोल्ड का भाव 1,000 रुपये की गिरावट के साथ 7,216.3 डॉलर प्रति ग्राम था।
गोल्ड में गिरावट जारी रहने की बड़ी वजहें
एक्सपर्ट्स का कहना है कि गोल्ड (Gold) की कीमतों पर कई वजहों से दबाव दिख रहा है। सिटी इंडेक्स में सीनियर एनालिस्ट मैट सिंपसन ने बताया कि प्रॉफिट-बुकिंग के बीच गोल्ड में डिमांड मजबूत बनी हुई है। जियोपॉलिटिकल अनिश्चितता के बीच गोल्ड में निवेश हो रहा है। उन्होंने कहा कि आगे उथलपुथल बढ़ने के आसार हैं। अमेरिका में राष्ट्रपति बनने जा रहे डोनाल्ड ट्रंप अगर ट्रैरिप बढ़ाते हैं तो इससे ट्रेड वॉर बढ़ सकता है।
ट्रंप के टैरिफ बढ़ाने से ट्रेड वॉर शुरू होने की आशंका
ट्रंप चीन से होने वाले इंपोर्ट पर टैरिफ बढ़ाने का संकेत दे चुके हैं। उनका प्लान कनाडा और मैक्सिको से होने वाले इंपोर्ट पर भी टैरिफ लगाने का है। अगर ऐसा होता है तो दुनिया की दो सबसे बड़ी इकोनॉमी के बीच तनाव बढ़ सकता है। ऐसे में गोल्ड की मांग बढ़ेगी। दुनिया में अनिश्चितता बढ़ने पर गोल्ड की मांग बढ़ जाती है। इसकी वजह यह है कि गोल्ड को निवेश का सबसे सुरक्षित जरिया माना जाता है।
74000 रुपये तक जा सकती है कीमत
गोल्ड की कीमतों में उतारचढ़ाव के बावजूद इसकी कीमतें फिलहाल सीमित दायरे में रहने की उम्मीद है। Augmont Gold For All की रिसर्च हेड रेनिशा चैनानी ने कहा, "अगले कुछ दिनों में गोल्ड में 2,600-2,700 डॉलर प्रति औंस के बीच ट्रेडिंग होने की उम्मीद है। इंडिया में इसकी कीमत 75,000-77,000 रुपये प्रति 10 ग्राम रह सकती है।" जेएम फाइनेंशियल सर्विसेज के प्रणव मेर ने कहा कि फिलहाल गोल्ड पर दबाव दिख रहा है। गोल्ड की कीमतें 74,750-74,000 रुपये प्रति 10 ग्राम तक जा सकती हैं। गोल्ड को 75,500-76,200 रुपये के बीच रेसिस्टेंस का सामना करना पड़ेगा।
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क्या आपको निवेश करना चाहिए?
एक्सपर्ट्स का कहना है कि गोल्ड में नरमी निवेश का मौका है। जियोपॉलिटिकल स्थितियों को देखकर ऐसा लगता है कि पोर्टफोलियो के डायवर्सिफिकेशन के लिहाज से गोल्ड में निवेश जरूरी है। निर्मल बंग में कमोडिटी एंड करेंसी रिसर्च के हेड कुणाल शाह का मानना है कि आगे गोल्ड में तेजी देखने को मिल सकती है। इसलिए गिरावट के मौके का इस्तेमाल निवेश बढ़ाने के लिए किया जा सकता है।