Gold Silver Price Today: सोने और चांदी की कीमतों ने सोमवार 1 सितंबर को एक बार फिर नया रिकॉर्ड बना दिया है। घरेलू वायदा बाजार में मजबूत मांग, अमेरिकी फेडरल रिजर्व की ओर से ब्याज दरें घटाने की संभावनाएं और ट्रंप की टैरिफ नीतियों को लेकर बनी अनिश्चितता ने सोने और चांदी के दाम को नए आसमान पर पहुंचा दिया है।
मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX) पर आज अक्टूबर डिलीवरी वाले सोने के कॉन्ट्रैक्ट्स का भाव 2% उछलकर 1,05,937 रुपये प्रति 10 ग्राम के नए रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया। इसी तरह, दिसंबर डिलीवरी वाली चांदी की कीमतें भी लगभग 2% बढ़कर ₹1,24,214 रुपये प्रति किलोग्राम के ऑलटाइम हाई पर पहुंच गए।
सुबह 9:50 बजे के करीब, सोने के अक्टूबर फ्यूचर्स का भाव 1.02% की बढ़त के साथ 1,04,883 रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर पर कारोबार कर रहा था। वहीं चांदी के दिसंबर वायदा का भाव 1.81% की तेजी के साथ 1,24,079 रुपये प्रति किलोग्राम पर कारोबार कर रहा था।
क्यों बढ़ रहे हैं सोने-चांदी के दाम?
एक्सपर्ट्स का कहना है कि सोने की कीमतों में आई हालिया तेजी के पीछे कई कारण है। सबसे अहम कारण है अमेरिकी फेडरल रिजर्व की ओर से ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद। फेडरल रिजर्व के चेयरमैन जेरोम पॉवेल ने हाल ही में जैक्सन होल में दिए गए एक भाषण के दौरान ब्याज दरों में कटौती के संकेत दिए थे। इसके बाद कई फेडरल रिजर्व के कई दूसरे अधिकारियों ने भी सितंबर में दरों में कटौती की संभावना की बात की है।
न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक, फेड गवर्नर क्रिस्टोफर वॉलर ने पिछले हफ्ते कहा कि वे सितंबर में ब्याज दर घटाने का समर्थन करेंगे और आने वाले तीन से छह महीनों में और कटौती की संभावना भी जताई। वहीं सैन फ्रांसिस्को फेड बैंक की प्रेसिडेंट मैरी डेली ने भी लेबर मार्केट में दबाव को देखते हुए दरों में कटौती का समर्थन किया।
CME FedWatch टूल के मुताबिक, बाजार को अब 87% उम्मीद है कि फेडरल रिजर्व की सितंबर बैठक के दौरान ब्याज दरों में 0.25 फीसदी की कटौती हो सकती है। अमेरिकी फेडरल रिजर्व बैंक की बैठक आगामी 16-17 सितंबर को होनी है, जहां इस पर अंतिम फैसला लिया जाएगा।
ट्रंप की टैरिफ नीतियां बनीं बड़ा फैक्टर
सोने की कीमतों में उछाल की दूसरी बड़ी वजह है डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ नीतियों को लेकर अनिश्चतता। निवेशक इन टैरिफ के ग्लोबल व्यापार पर पड़ने वाले असर को लेकर चिंतित हैं। ऐसे में सोने जैसे निवेश के सुरक्षित विकल्पों की ओर निवेशकों की दिलचस्पी बढ़ गई है।
अमेरिका की ट्रंप सरकार कई देशों के साथ टैरिफ डील को लेकर बातचीत में लगी हुई है, लेकिन अभी तक इसके भविष्य को लेकर तस्वीर साफ नहीं है। दूसरी ओर, भारत ने साफ कहा है कि वह तभी बातचीत आगे बढ़ाएगा जब 25% सेकेंडरी टैरिफ को हटाया जाएगा।
निवेशकों के लिए क्या है रणनीति?
एक्सपर्ट्स का मानना है कि मौजूदा हालात में सोने-चांदी में तेजी बरकरार रह सकती है। डॉलर की कमजोरी, ब्याज दर कटौती और व्यापारिक तनाव जैसे कारण बुलियन की चमक को और बढ़ा सकते हैं। ऐसे में निवेशकों को सावधानी के साथ सोने-चांदी में खरीदारी की रणनीति अपनानी चाहिए।
डिस्क्लेमरः Moneycontrol पर एक्सपर्ट्स/ब्रोकरेज फर्म्स की ओर से दिए जाने वाले विचार और निवेश सलाह उनके अपने होते हैं, न कि वेबसाइट और उसके मैनेजमेंट के। Moneycontrol यूजर्स को सलाह देता है कि वह कोई भी निवेश निर्णय लेने के पहले सर्टिफाइड एक्सपर्ट से सलाह लें।