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Commodity market : सूरत तक पहुंची रूस-यूक्रेन की जंग, देश में घटा रफ डायमंड का इंपोर्ट, 25000 हीरा कारीगर बेरोजगार

G7 की रूस पर सख्ती बढ़ती नजर आ रही है। 4 देश रूसी गोल्ड का इंपोर्ट नहीं करेंगे। UK रूसी गोल्ड का इंपोर्ट नहीं करेगा। इसको US,कनाडा और जापान का भी समर्थन है। G7 की बैठक में बैन पर चारों देशों में बनी सहमति बनी है

अपडेटेड Jun 27, 2022 पर 12:58 PM
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सूरत में 65 फीसदी रफ डायमंड का इंपोर्ट रूस से होता है। भारत का डायमंड बिजनेस 100 फीसदी इंपोर्ट पर निर्भर है

सूरत तक पहुंची रूस-यूक्रेन की जंग, देश में घटा रफ डायमंड का इंपोर्ट

रूस-यूक्रेन की जंग की धमक सूरत तक पहुंच गई है। इस जंग के चलते देश में रफ डायमंड का इंपोर्ट घट गया है। 25000 हीरा कारीगर बेरोजगार हो गए हैं। बता दें कि सूरत में 65 फीसदी रफ डायमंड का इंपोर्ट रूस से होता है। भारत का डायमंड बिजनेस 100 फीसदी इंपोर्ट पर निर्भर है।

रूस-यूक्रेन की जंग के चलते अब हीरों की किल्लत हो गई है। देश में रफ डायमंड का इंपोर्ट 29 फीसदी गिरा है। इंपोर्ट घटने का डायमंड इंडस्ट्री पर बुरा असर पड़ा है। गुजरात के 25000 हीरा कारीगर बेरोजगार हो गए हैं। इंडस्ट्री में काम के घंटे 8 से घटकर 6 हो गए हैं। वीकली हॉलिडे भी 1 से बढ़ाकर 2 हो गया है। बता दें कि रूस से सालाना 75000 करोड़ रुपए का इंपोर्ट होता था।


सूरत, नार्थ गुजरात, सौराष्ट्र में रफ डायमंड पॉलिश होते हैं। GJEPC का कहना है कि इंडस्ट्री का पुराना स्टॉक भी खत्म हो रहा है। इंपोर्ट बंद होने से कारखाने बंद होने लगे हैं। गुजरात में हीरे की कटिंग और पॉलिश के 8000 से ज्यादा यूनिट्स हैं। सिर्फ सूरत में 65 फीसदी रफ डायमंड का इंपोर्ट रुस से होता है। अमेरिका दुनिया में हीरे का सबसे बड़ा बाजार है। पॉलिश्ड डायमंड के बड़े खरीदारों में US, UAE और हॉन्गकॉन्ग हैं।

4 देश नहीं करेंगे रूसी गोल्ड का इंपोर्ट, G7 के रूस से गोल्ड इंपोर्ट पर बैन के क्या हैं मायने?

G7 की रूस पर सख्ती बढ़ती नजर आ रही है। 4 देश रूसी गोल्ड का इंपोर्ट नहीं करेंगे। UK रूसी गोल्ड का इंपोर्ट नहीं करेगा। इसको US,कनाडा और जापान का भी समर्थन है। G7 की बैठक में बैन पर चारों देशों में बनी सहमति बनी है। बता दें कि 90 फीसदी रूसी गोल्ड अकेले UK खरीदता है। 2021 में UK ने 17 लाख करोड़ डॉलर का रूसी गोल्ड खरीदा था। 2021 में रूस में गोल्ड का उत्पादन 300 टन और इंपोर्ट $1550 करोड़ डॉलर का रहा था। वहीं, रूस के US को गोल्ड इंपोर्ट पर नजर डालें तो 2021 में अमेरिका ने रूस से 20 करोड़ डॉलर, 2020 में 10 करोड़ डॉलर और 2019 में भी 10 करोड़ डॉलर के सोने का इंपोर्ट किया था।

G7 की सख्ती से क्रूड में तेजी

उधर G7 की सख्ती से क्रूड में तेजी आई है। G7 की मीटिंग में ईरान न्यूक्लियर डील पर भी चर्चा होगी। कच्चे तेल का भाव 113 डॉलर के पार निकल गया है। आज ब्रेंट का भाव 114 डॉलर तक भी पहुंचा है। क्रूड के भाव 24 जून से अब तक 3 फीसदी से ज्यादा चढ़े हैं। WTI का भाव 106 डॉलर के पार निकल गया है। MCX पर भाव इसका भाव 8400 रुपए के ऊपर चला गया है। 30 जून को OPEC+ की बैठक होने वाली है। OPEC+ देश उत्पादन बढ़ाने में नाकाम रहे हैं। अब निवेशकों की नजर महंगाई के आंकड़ों पर है। महंगाई की वजह से मांग घट सकती है। जुलाई में अमेरिका में दरें बढ़ सकती हैं।

एग्री कमोडिटी : मॉनसून में कमी से घटी बुआई

2022-23 में खरीफ की बुआई करीब 24 फीसदी घटी है। मॉनसून में कमी से दालों और धान की बुआई घट गई है। दालों की बुआई आधा फीसदी घटी हैं। तुअर की बुआई 55 फीसदी कम हुई है। वहीं, धान की बुआई 46 फीसदी घटी है। सोयाबीन की बुआई 78 फीसदी कम हुई है। IMD का कहना है कि 1-24 जून तक औसत से 4 फीसदी कम बारिश हुई है। 1-24 जून तक 115.2 MM बारिश हुई है। 24 जून को औसत से 30 फीसदी कम बारिश हुई। किसकी कितनी बुआई घटी? इस पर नजर डालें तो धान की बुआई 46 फीसदी घटी है तो तुअर की 55 फीसदी, उड़द की 52 फीसदी, मूंग की 34 फीसदी और दूसरी दालों की बुआई 53 फीसदी घटी है। वहीं, ज्वार की बुआई 47 फीसदी, बाजरा की 68 फीसदी, रागी की 54 फीसदी, मक्का की 32 फीसदी, सोयाबीन की 78 फीसदी, सनफ्लावर की 61 फीसदी और कॉटन की 15 फीसदी घटी है।

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