गोल्ड में 26 सितंबर को तेजी दिखी। इंडिया में कमोडिटी एक्सचेंज एमसीएक्स में गोल्ड फ्यूचर्स दिन में करीब 2 बजे 325 रुपये यानी 0.29 फीसदी के उछाल के साथ 1,12,954 रुपये प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गया। स्पॉट गोल्ड 3,748 डॉलर प्रति औंस था। यूएस गोल्ड फ्यूचर्स 3,774.50 डॉलर प्रति औंस था। अमेरिका में इकोनॉमी से जुड़े डेटा बेहतर आए हैं। इसका असर गोल्ड पर पड़ा है। विदेशी बाजार में गोल्ड में स्थिरता दिखी है। हालांकि, इस हफ्ते अंतरराष्ट्रीय बाजार में गोल्ड 1.6 फीसदी चढ़ा है।
गोल्ड के लिए 3800 डॉलर पर बड़ा रेसिस्टेंस
अमेरिकी इकोनॉमी से जुड़े डेटा के मुताबिक, यूएस इकोनॉमी की ग्रोथ उम्मीद से बेहतर दिखी है। जॉबलेस क्लेम्स में भी गिरावट आई है। इससे आगे अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व के इंटरेस्ट घटाने की उम्मीदों पर असर पड़ा है। इससे डॉलर मजबूत हुआ है, जिसका असर Gold Price पर पड़ा है। अमेरिकी डॉलर तीन हफ्ते की ऊंचाई पर पहुंच गया है। डॉलर में मजबूती आने पर लोकल करेंसी में सोना खरीदना महंगा हो जाता है। केसीएम ट्रेड के चीफ मार्केट एनालिस्ट टिम वाटरर का मानना है कि डॉलर में तेजी का मतलब है कि अब गोल्ड को 3,800 डॉलर पर बड़े रेसिस्टेंस का सामना करना पड़ेगा।
यह गोल्ड में तेजी का लगातार छठा हफ्ता
इधर इंडिया में त्योहारों के दौरान गोल्ड में तेजी जारी है। अगले महीने धनतेरस और दिवाली है। इन दोनों त्योहारों पर इंडिया में बुलियन (सोना-चांदी) खरीदना शुभ माना जाता है। आस्पेक्ट बुलियन एंड रिफाइनरी के सीईओ दर्शन देसाई ने कहा कि यह गोल्ड में तेजी का लगातार छठा हफ्ता है। अगर आगे गोल्ड में गिरावट आती है तो इसमें अच्छी खरीदारी दिख सकती है। पीएल कैपिटल के सीईओ (रिटेल ब्रोकिंग एंड डिस्ट्रिब्यूशन) संदीप रायचुरा का मानना है कि लंबी अवधि में गोल्ड का आउटलुक पॉजिटिव है।
शॉर्ट टर्म में गोल्ड में तेजी जारी रहने का अनुमान
उन्होंने कहा, "गोल्ड तेजी के दौर में है। तेजी का यह दौर कई महीनों तक जारी रह सकता है। ऐसे में हर गिरावट के मौके का इस्तेमाल लंबी अवधि की खरीदारी के लिए किया जा सकता है।" एक्सपर्ट्स इनवेस्टर्स को कम से कम 5-10 फीसदी निवेश गोल्ड में करने की सलाह देते हैं। इससे पोर्टफोलियो के डायवर्सिफिकेशन में मदद मिलती है। इंडिया बुलियन एंड ज्वेलर्स एसोसिएशन की वाइस प्रेसिडेंट अक्षा कंबोज का मानना है कि फेस्टिव सीजन की वजह से आगे गोल्ड की कीमतों में तेजी जारी रह सकती है।
क्या यह प्रॉफिट बुक करने का सही समय है?
एक्सपर्ट्स का कहना है कि गोल्ड की कीमतें ऑल-टाइम हाई पर हैं। ऐसे में पैसे की जरूरत पड़ने पर कुछ मुनाफावसूली की जा सकती है। फिर गिरावट पर गोल्ड में दोबारा निवेश किया जा सकता है। इस दौरान इनवेस्टर्स का फोकस एसेट ऐलोकेशन को बनाए रखने पर होना चाहिए। अगर उन्होंने इनवेस्टमेंट पोर्टफोलियो में गोल्ड के लिए 5-10 फीसदी का ऐलोकेशन तय किया है तो इसे मेंटेन करना सही रहेगा। इसलिए अगर आप प्रॉफिट बुकिंग करते हैं तो दोबारा गोल्ड में गिरावट आने पर खरीदारी कर एसेट ऐलोकेशन को मेंटेन करना होगा।