गोल्ड की मौजूदा तेजी के बारे में निवेशकों के लिए इन 4 चीजों को जानना है बेहद जरूरी

गोल्ड की कीमतों में आग लगी हुई है। 11 फरवरी को इसकी कीमत 2,913 डॉलर प्रति औंस थी। 31 दिसंबर से 11 फरवरी के बीच गोल्ड की कीमत में डॉलर के लिहाज से 11.6 पर्सेंट की बढ़ोतरी रही है। रुपये के लिहाज से 11 दिसंबर को गोल्ड 85,635 रुपये प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गया। इसका मतलब यह है कि गोल्ड ने इस साल 13 पर्सेंट का रिटर्न दिया है। बहरहाल गोल्ड की कीमतें अलग-अलग शहरों में इससे ज्यादा हैं और इसका मतलब है कि इसका रिटर्न 13 पर्सेंट से भी ज्यादा है। गोल्ड में यह तेजी ऐसे वक्त में देखने को मिल रही है, जब शेयर बाजार में गिरावट है

अपडेटेड Feb 11, 2025 पर 9:59 PM
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पिछले कुछ महीनों में डॉलर के मुकाबले रुपये में काफी कमजोरी देखने को मिली है और इस वजह से रुपये के लिहाज से गोल्ड का रिटर्न और बेहतर हुआ है।

गोल्ड की कीमतों में आग लगी हुई है। 11 फरवरी को इसकी कीमत 2,913 डॉलर प्रति औंस थी। 31 दिसंबर से 11 फरवरी के बीच गोल्ड की कीमत में डॉलर के लिहाज से 11.6 पर्सेंट की बढ़ोतरी रही है। रुपये के लिहाज से 11 दिसंबर को गोल्ड 85,635 रुपये प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गया। इसका मतलब यह है कि गोल्ड ने इस साल 13 पर्सेंट का रिटर्न दिया है। बहरहाल गोल्ड की कीमतें अलग-अलग शहरों में इससे ज्यादा हैं और इसका मतलब है कि इसका रिटर्न 13 पर्सेंट से भी ज्यादा है। गोल्ड में यह तेजी ऐसे वक्त में देखने को मिल रही है, जब शेयर बाजार में गिरावट है।

क्यों दिख रही है गोल्ड में तेजी?

यहां सवाल यह उठता है कि गोल्ड की कीमतों में यह तेजी क्यों है? इसका दो शब्द में जवाब है- अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप। ट्रंप कई ऐसे आर्थिक फैसले ले रहे हैं, जिससे उन्हें और उनके सहयोगियों को लगता है कि अमेरिकी अर्थव्यवस्था को मदद मिलेगी। इन उपायों से ग्लोबल इकोनॉमी में उथल-पुथल मच सकती है। ऐसी स्थिति में कई निवेशक गोल्ड को निवेश के सुरक्षित ठिकाने के तौर पर देख रहे हैं। इस वजह से गोल्ड में जमकर निवेश देखने को मिल रहा है और कीमतों में भी तेजी है।

रुपये के लिहाज से रिटर्न क्यों ज्यादा है?


इसका सीधा जवाब यह है कि पिछले कुछ महीनों में डॉलर के मुकाबले रुपये में काफी कमजोरी देखने को मिली है और इस वजह से रुपये के लिहाज से गोल्ड का रिटर्न और बेहतर हुआ है। इसके अलावा, गोल्ड निवेश का सुरक्षित ठिकाना क्यों है, इस बात को समझने के लिए लिंडी इफेक्ट के बारे में जानना होगा। लिंडी इफेक्ट का बुनियादी मतलब यह है कि कोई चीज जितने लंबे समय से है, उसके आने वाले दिनो में बने रहने की उतनी ही संभावना है।

अब सवाल यह है कि यह इफेक्ट गोल्ड और निवेश के सुरक्षित ठिकाने के तौर पर कैसे लागू होता है? गोल्ड ने सदियों से अपनी वैल्यू बरकरार रखी है। किसी भी तरह की राजनीतिक, आर्थिक और वित्तीय राजनीतिक अस्थिरता के दौर में कई लोग गोल्ड को भरोसमंद निवेश के तौर पर देखते हैं। यह संपत्ति को सुरक्षित रखने का भरोसेमंद जरिया है। निवेश के सुरक्षित ठिकाने के तौर पर इसे रखने का चलन सैकड़ों वर्षों से चला आ रहा है। ऐसे में कहा जा सकता है कि गोल्ड पहले भी निवेश का सुरक्षित ठिकाना रह चुका है और यह भविष्य में भी निवेश का सुरक्षित ठिकाना बना रहेगा।

चौथी बात यह है कि मीडिया में अभी गोल्ड से जुड़ी खबरों की भरमार है। कुछ खबरों में गोल्ड को निवेश पोर्टफोलियो में शामिल करने की बात जोर-शोर से कही जा रही है। कुछ अन्य खबरों में यह सवाल पूछा जा रहा है: क्या आपको अभी गोल्ड में निवेश करना चाहिए? हालांकि, इन खबरों में सबसे अहम बिंदु गायब है कि निवेश पोर्टफोलियो में हमेशा डायवर्सिफिकेशन रहना चाहिए, क्योंकि भविष्य के बारे में किसी को अंदाजा नहीं होता है।

पिछले कुछ वर्षों में किसी अगर किसी ने गोल्ड में निवेश किया होता, तो उसके निवेश स्टॉक मार्केट के निवेश से बेहतर नहीं होता। हालांकि, पिछले कुछ महीनों में मामला पलट चुका है और गोल्ड की परफॉर्मेंस बेहतर रही है। इन बातों को लेकर भविष्यवाणी करना बड़ा मुश्किल है। लिहाजा, गोल्ड की कीमतें तेज होने पर पोर्टफोलियो डायवर्सिफिकेशन के लिहाज से इसे अहम बताना बहुत अहम नहीं है। साथ ही, भविष्य में गोल्ड की कीमतों का अनुमान लगाना भी मुश्किल काम है क्योंकि इसके बारे में जानने का कोई तरीका नहीं है।

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First Published: Feb 11, 2025 9:59 PM

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