Gold Price: फीकी पड़ेगी गोल्ड की चमक! इस कारण अमेरिकी सरकार ने बनाया ये प्लान

Gold Price: पिछले कुछ समय से गोल्ड की चमक लगातार बढ़ रही है और यह नई ऊंचाईयों पर पहुंच गया। हालांकि अब अमेरिकी सरकार की एक योजना के चलते इसके भाव नरम पड़ सकते हैं क्योंकि अमेरिकी सरकार के ही एक फैसले के चलते भ्रम की स्थिति बनी और गोल्ड नई ऊंचाईयों पर पहुंचता गया। जानिए गोल्ड की चमक क्यों बढ़ी और अब अमेरिका क्या करने वाला है?

अपडेटेड Aug 09, 2025 पर 10:21 AM
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Gold Price: अमेरिकी सरकार की योजना एक एग्जीक्यूटिव ऑर्डर जारी करने की है, जिसमें यह स्पष्ट किया जाएगा कि गोल्ड बार का आयात टैरिफ के दायरे से बाहर रहेगा। (File Photo- Pexels)

Gold Price: अमेरिकी सरकार की योजना एक एग्जीक्यूटिव ऑर्डर जारी करने की है, जिसमें यह स्पष्ट किया जाएगा कि गोल्ड बार का आयात टैरिफ के दायरे से बाहर रहेगा। यह खुलासा न्यूज एजेंसी ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट में हुआ है। इससे पहले हालिया दिनों में कंफ्यूजन की वजह से गोल्ड की कीमतें नए रिकॉर्ड हाई पर पहुंच गई थीं। बता दें कि अमेरिकी कस्टम्स एंड बॉर्डर प्रोटेक्शन के एक फैसला किया जिसमें कहा गया था कि एक किग्रा और 100 औंस (करीब 2.83 किग्रा) के बुलियन बार्स पर देश के हिसाब से ड्यूटी लगेगी। इस फैसले से आशंका होने लगी कि दुनिया के सबसे बड़े गोल्ड रिफाइनिंग हब स्विटजरलैंड से इसके आयात पर 39% का टैरिफ लग सकता है।

नरम पड़ी गोल्ड की कीमतें

गोल्ड बार के आयात को टैरिफ से बाहर रखने की योजना के रिपोर्ट पर गोल्ड के फ्यूचर्स फिसल गए। प्रति औंस $3,534.10 के रिकॉर्ड हाई लेवल से यह नीचे आ गया। Hargreaves Lansdown के प्रमुख (मनी एंड मार्केट्स) Susannah Streeter का कहना है कि हाल ही में गोल्ड की कीमतों में घबराहट भरी तेजी से यह स्पष्ट है कि सुरक्षित माने जाने वाले एसेट्स भी टैरिफ के दौर की उठा-पटक से अछूते नहीं हैं।


स्विस रिफाइनरियों ने रोकी अमेरिका को डिलीवरी

न्यूज एजेंसी रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक टैरिफ को लेकर अनिश्चितता के बीच कुछ स्विस रिफाइनरीज ने अमेरिका को डिलीवरी रोक दी है। एक्सपर्ट्स के मुताबिक यदि टैरिफ लगाए गए, तो Comex और लंदन गोल्ड प्राइस के बीच प्राइस प्रीमियम बढ़ सकता है, जिससे आर्बिट्राज (मुनाफाखोरी) के नए मौके बन सकते हैं। पिछले साल स्विट्जरलैंड ने अमेरिका को $6.2 हजार करोड़ का गोल्ड निर्यात किया था, जिनमें ज्यादातर एक किलो के बार्स थे। 39% टैरिफ के हिसाब से इसकी अतिरिक्त लागत $2.4 हजार करोड़ तक पहुंच सकती है। फिलहाल स्विस अधिकारी अमेरिका के साथ टैरिफ कम करने को लेकर बातचीत कर रहे हैं।

भारत में क्या है गोल्ड की स्थिति?

घरेलू मार्केट में बात करें तो 24 कैरट गोल्ड के भाव प्रति 10 ग्राम ₹1 लाख के पार पहुंच गए। इंडिया बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन की वाइस प्रेसिडेंट अक्ष कंबोज (Aksha Kamboj) के मुताबिक सुरक्षित निवेश की मजबूत मांग, वैश्विक तनाव और अमेरिकी फेडरल रिजर्व रेट कट की उम्मीदों ने इसकी चमक बढ़ाई है। हालांकि उनका कहना है कि गोल्ड के रिकॉर्ड हाई पर पहुंचने के बावजूद यह डाईवर्सिफाई को लेकर पोर्टफोलियो के लिए अहम बना हुआ। उनका मानना है कि गोल्ड ईटीएफ या सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड्स के जरिए इसमें धीरे-धीरे एंट्री से अस्थिरता से निपटने में मदद मिल सकती है।

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First Published: Aug 09, 2025 10:21 AM

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