जिन लोगों ने साल 2018 से 2021 के दौरान सोने में शानदार रिटर्न को देखते हुए निवेश किया था। उनको इस समय कुछ निराशा हो रही होगी। बढ़ती महंगाई के बावजूद सोने की कीमतों में हाल में आई गिरावट, चिंता का विषय रही है। सोने की कीमतें मार्च 2022 में 2,071 डॉलर के शिखर से काफी फिसल गई हैं। तमाम लोगों का अनुमान था कि रूस और यूक्रेन के बीच चल रहा तनाव दुनिया की तमाम अर्थव्यवस्थाओं को अपने दायरे में ले लेगा। लेकिन स्थितियां उतनी नहीं बिगड़ी, जितने का अनुमान लगाया जा रहा था। ऐसे में सोने पर दबाव देखने को मिल रहा है। सवाल यह है कि क्या आपको सोने में निवेश करना चाहिए?
गौरतलब है कि दुनिया भर में महंगाई चरम पर है। अमेरिका में यह अपने 40 साल से रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई है। महंगाई बढ़ने के कई कारण हैं। कोविड इन्फेक्शन फैलने के कारण दुनिया के तमाम देशों में लॉकडाउन जैसी स्थिति बनी। जिसके कारण सप्लाई पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा। इसके अलावा महामारी काल में सरकारों ने इकॉनॉमी को बूस्ट देने के लिए राहत पैकेजों का ऐलान किया। जिससे लिक्विडिटी में बढ़ोतरी हुई। इसके बाद यूक्रेन पर रूस के आक्रमण के चलते कच्चे माल की कीमतों में भारी तेजी आई। कच्चे तेल और तमाम कमोडिटीज के भाव महंगाई बढ़ाने में लीडिंग भूमिका में दिखे।
अब इस महंगाई से निपटने के लिए दुनिया भर के केंद्रीय बैंक अपनी मौद्रिक नीतियों में कड़ाई ला रहे हैं और ब्याज दरों में बढ़ोतरी कर रहे हैं। जिसके चलते बॉन्ड और दूसरे फिक्स्ड इनकम की यील्ड में बढ़ोतरी हो रही है। बॉन्ड और दूसरे फिक्स इनकम निवेश विकल्पों के यील्ड में बढ़ोतरी के कारण सोने की चमक फीकी पड़ी है। जिससे सोने के भाव में गिरावट देखने को मिल रही है।
कमोडिटी मार्केट को जानकारों का कहना है कि बाजार को यूएसफेड की तरफ से दरों में 0.75 फीसदी की बढ़ोतरी का पहले से अंदाजा था। लेकिन बीते हफ्ते स्विस बैंक और बैंक ऑफ इंग्लैंड की तरफ से दरों में की गई बढ़ोतरी ने बढ़ती महंगाई, ब्याज दरों में बढ़ोतरी और इसके चलते मंदी आने की चिंता को और बढ़ा दिया है। तमाम जानकारों का कहना है की ये नियर टर्म में सोने के लिए एक शुभ संकेत है। इसके अलावा ग्लोबल मार्केट में दिखाई दे रहे भारी उतार-चढ़ाव से भी गोल्ड की सबसे सुरक्षित निवेश विकल्प वाली अपील बढ़ रही है। ऐसे में हमें अपने अपने पोर्टफोलियो में सोने को भी जरूर जगह देनी चाहिए।