बढ़ती महंगाई पर काबू पाने के लिए वित्त मंत्रालय ने सात कमोडिटीज कि वायदा ट्रेडिंग पर तुरंत प्रभाव से रोक लगाने के निर्देश दिए हैं। SEBI ने आदेश सभी पर 1 साल के लिए रोक लगा दी है। सरकार को उम्मीद है कि इससे महंगाई काबू में आएगी। इस सात कमोडिटीज में चावल, गेंहू, सरसों, चना, मूंग, कच्चा पॉम, सोयाबीन आयल जैसी कमोडिटी शामिल हैं। ये रोक 1 साल के लिए लगाई गई है।
गौरतलब है कि कंजूमर इन्फ्लेशन 3 महीने के उच्चतम स्तर पर है। कंज्यूमर इन्फ्लेशन की दर 4.91 फीसदी पर पहुंच गई है। जबकि होलसेल इन्फ्लेशन 12 साल के सबसे उत्तम स्तर पर है। होलसेल इन्फ्लेशन की दर 14.23 फीसदी पर दिख रही है। इस बढ़ती महंगाई को देखते हुए ही सरकार ने ये रोक लगाई है।
सरकार को बढ़ती कीमतों की वजह से विपक्ष की तरफ से दबाव झेलना पड़ रहा है। सरकार पंजाब, उत्तरप्रदेश और उत्तराखंड में होने वाले चुनावो के बीच महंगाई का मुद्दा विपक्ष के हाथ नहीं देना चाहती। जिसको ध्यान में रखकर ये कदम उठाए गए हैं।
गौरतलब है कि नवंबर महीने में कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स 4.91 फीसदी के 3 महीने के हाई पर पहुंचते नजर आए हैं । केंद्र सरकार और राज्य सरकारों द्वारा एक्साइस ड्यूटी में दी गई राहत का भी महंगाई पर कोई खास असर नहीं पड़ा है। बाजार दिग्गजों का कहना है कि घरेलू मुद्रा की लगातार कमजोर होती स्थिति खुदरा बाजार पर महंगाई का दबाव और बढ़ा सकता है। इन फैक्टर्स को ध्यान में रखकर ही सरकार ने चावल, गेंहू, सरसों, चना, मूंग, कच्चा पॉम, सोयाबीन आयल जैसी हाई ट्रेडिंग वॉल्यूम वाली कमोडिटीज की वायदा कारोबार पर रोक लगाई है।