लैब में सोना बनाने की कोशिश में वैज्ञानिक जुटे है। लैब में डायमंड बनाने में कामयाबी मिल चुकी है। लैब ग्रोन डायमंड के गहने बन भी रहे हैं। लोगों में लैब ग्रोन डायमंड (LGD) की मांग बढ़ रही है। बता दें कि सोना एक केमिकल एलिमेंट होता है। हर एटॉमिक न्यूक्लियस में 79 प्रोटॉन होते हैं। पारे, प्लैटिनम से सोने बनाने की कोशिश है। पारे में 80 और प्लैटिनम में 78 प्रोटॉन होते हैं। 80 में 1 प्रोटॉन निकालकर सोना बनाया जा सकता है। जबकि 78 में 1 प्रोटॉन जोड़ने से भी सोना बनाया जा सकता है। एटॉमिक स्ट्रक्चर में बदलाव से सोना बनाया जा सकता है।
2023 तक कुल 212582 टन की खुदाई हुई। अगले 20 सालों में 31458 टन सोना और निकाला जाएगा।
लैब ग्रोन डायमंड लेबोरेटरी में बनाया जाना वाला हीरा होता है। लैब ग्रोन डायमंड 1- 4 हफ्ते में तैयार हो जाता है। इसकी बनावट और डिजाइन नैचुरल हीरे जैसी होती है । नैचुरल हीरे के मुकाबले सस्ता होता है। हाई प्रेशर हाई टेंपरेचर और केमिकल वैपर डिपॉजिशन में लैब ग्रोन डायमंड बनाने के तरीके है।
1 साल में 30 लाख हीरे लैब में बनते हैं। ग्लोबल उत्पादन में भारत की 15% हिस्सेदारी है। जनवरी 2023 में सरकार ने 5% ड्यूटी हटाई है। सरकार ने सीड के इंपोर्ट पर 5% ड्यूटी हटाई है। भारतीय LGD का सबसे बड़ा इंपोर्टर US है।
लैब ग्रोन डायमंड की मांग बढ़ी
लैब ग्रोन हीरे , नैचुरल हीरे से सस्ते होते हैं। नेचुरल हीरा के मुकाबले करीब 50-60% सस्ता है। 1 कैरेट नेचुरल हीरे के भाव में 2.15 कैरेट LGD मिलता है। LGD का भारत में `15,500 करोड़ का कारोबार कर रहा। 2025 तक कारोबार `31,000 करोड़ संभव है।
क्या है इंडस्ट्रीज के दिग्गजों की राय
लाइमलाइट लाइट लैब ग्रोन डायमंड के पूजा शेठ माधवन ने कहा कि लैब ग्रोन डायमंड ने रफ्तार पकड़ी है। US में 50% से ज्यादा लैब ग्रोन डायमंड की बिक्री हुई है। भारत में लैब ग्रोन इंडस्ट्री में 15-20% ग्रोथ रेट है। लैब ग्रोन के दाम अफोर्डेबल है।
IBJA के सुरेंद्र मेहता ने कहा कि लैब ग्रोन सोने का भविष्य नहीं है। लैब ग्रोन सोने में इन्वेस्टमेंट की उम्मीद कम है। लोग शुद्ध सोना खरीदना पसंद करते हैं। कम बजट होने पर लोग 18-14 कैरट का सोना खरीद सकते हैं।
औकेरा के सीईओ लिसा मुखेड़कर ने कहा कि लैब ग्रोन इंडस्ट्री में मांग अच्छी रही है। लोग लैब ग्रोन डायमंड की ज्वैलरी पंसद कर रहे हैं। लैब ग्रोन डायमंड के दाम भी अफोर्डेबल हैं।