मलेशिया में पाम ऑयल के दाम लगातार गिर रहे हैं और भाव 4 हफ्तों के नीचे पहुंच गए हैं। सवाल है कि क्या इसका फायदा आपको मिल रहा है, जवाब है नहीं। क्या कारण हैं इसके पीछे? पाम ऑयल 3550 रिंग्गित के नीचे आया है। भारत ने पाम ऑयल का इंपोर्ट घटाया है। EU ने पाम ऑयल का इंपोर्ट बैन किया है। मंदी की आशंका से पाम ऑयल घबराया है।
दरअसल पाम ऑयल की कीमतों में दबाव की वजह एक्सपोर्ट में गिरावट की वजह से है। मंदी की आशंका से भी पाम ऑयल की मांग में गिरावट देखने को मिल रही है। यूरोप पाम ऑयल का इंपोर्ट नहीं करेगा। यूरोपीय संसद ने नया कानून पास किया है। भारत ने इंपोर्ट करीब 4 लाख टन घटाया है। बता दें कि 1-25 अप्रैल के बीच मलेशिया का शिपमेंट 18% गिरा है।
इस बीच NCDEX पर जीरा ऑल टाइम हाई पर पहुंच गया है और जीरे का भाव 43000 के भी पार निकल गया है। जीरे का भाव ऑल टाइम हाई पर पहुंचा है। मई वायदा में 2350 से ज्यादा का उछाल देखने को मिला है। 2 दिनों में जीरे का दाम करीब 3100 तक चढ़े है। अप्रैल में जीरे का दाम अब तक 20% चढ़ा है।
कॉटन में तेजी से यार्न इडस्ट्री परेशान
चार्ट पर भले ही आपको कॉटन लाल निशान में दिख रहा हो, लेकिन असल में भाव ऊपर हैं। जिससे कॉटन और यार्न इडस्ट्री परेशान है। गिरावट के भी अप्रैल में कॉटन ने ऑल टाइम हाई बना है। कॉटन में तेजी से यार्न इडस्ट्री परेशान है क्योंकि कॉटन में तेजी यार्न इडस्ट्री के लिए अच्छी नहीं है। भाव चढ़ने से लागत बढ़ती है और मुनाफा घटता है। कॉटन के उत्पादन में लगातार गिरावट देखने को मिला है। ज्यादातर मिलें पॉलिएस्टर, विस्कोस बना रही हैं। इंडस्ट्री में कॉटन ब्लेंडिंग का चलन बढ़ा है।