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RBI की चेतावनी, FY23 में अगर क्रूड 110 डॉलर प्रति बैरल पर बना रहा तो और बढ़ेगी महंगाई

रिपोर्ट के मुताबिक भू-राजनीतिक तनाव बढ़ने और कच्चे तेल का भंडार कम होने से कच्चे तेल की कीमतें 150 डॉलर प्रति बैरल तक जा सकती हैं

MoneyControl Newsअपडेटेड Apr 08, 2022 पर 5:33 PM
RBI की चेतावनी, FY23 में अगर क्रूड 110 डॉलर प्रति बैरल पर बना रहा तो और बढ़ेगी महंगाई
आरबीआई द्वारा अप्रैल-जून में औसत सीपीआई मुद्रास्फीति 6.3 प्रतिशत और जुलाई-सितंबर में 5.8 प्रतिशत रहने की उम्मीद जताई गई है

भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India(RBI) अपने मुद्रास्फीति लक्ष्य को हासिल करने में विफल हो सकता है यदि FY23 में देश के मिलने वाले कच्चे तेल की औसत कीमत 110 डॉलर प्रति बैरल है। आज यानी कि 8 अप्रैल को जारी केंद्रीय बैंक की छमाही मॉनेटरी पॉलिसी की रिपोर्ट के अनुसार, यदि कच्चे तेल की कीमतें चालू वित्त वर्ष में 100 डॉलर प्रति बैरल की आधारभूत धारणा से 10 प्रतिशत अधिक रहती हैं, तो यह कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स (CPI) मुद्रास्फीति को बेसलाइन ट्रैजेक्टरी से लगभग 30 बेसिस प्वाइंट बढ़ा देगी।

दरअसल रिपोर्ट में चेतावनी दी गई है कि यदि भू-राजनीतिक तनाव बढ़ता है और कच्चे तेल का भंडार कम होता है, तो वैश्विक कच्चे तेल की कीमतें "आसानी से" 150 डॉलर प्रति बैरल तक जा सकती हैं।

मॉनेटरी पॉलिसी रिपोर्ट में कहा गया है, "इसके विपरीत भू-राजनीतिक तनावों के तेजी से समाधान, आपातकालीन भंडार रिलीज होने, ज्यादा उत्पादन और वायरस की नई लहरों के कारण वैश्विक मांग मंद होने से कच्चे तेल की कीमतें बेसलाइन से नीचे भी गिर सकती हैं।" .

आरबीआई ने वित्त वर्ष 23 के लिए अपने सीपीआई मुद्रास्फीति (CPI inflation) पूर्वानुमान को 4.5 प्रतिशत से बढ़ाकर 5.7 प्रतिशत कर दिया है। अपेक्षा से अधिक कच्चे तेल की कीमतों के कारण मुद्रास्फीति में 30-बेसिस प्वाइंट्स की वृद्धि मुद्रास्फीति को 6 प्रतिशत तक बढ़ा देगी।

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