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पेट्रोल में एथेनॉल ब्लेंडिंग पर SC ने खारिज की याचिका, सरकार ने कहा 'याचिकाकर्ता के पीछे एक बड़ी लॉबी'

सुप्रीम कोर्ट ने उस याचिका को खारिज कर दिया जिसमें 20 प्रतिशत इथेनॉल मिश्रित पेट्रोल (ईबीपी-20) को पूरे देश में लागू करने के फैसले को चुनौती दी गई थी और इथेनॉल मुक्त पेट्रोल का विकल्प मांगा गया था

MoneyControl Newsअपडेटेड Sep 01, 2025 पर 5:01 PM
पेट्रोल में एथेनॉल ब्लेंडिंग पर SC ने खारिज की याचिका, सरकार ने कहा 'याचिकाकर्ता के पीछे एक बड़ी लॉबी'
भारत में पेट्रोल में 20 फीसदी तक इथेनॉल मिलाया जाता है। इससे गन्ना किसानों को फायदा मिलता है और उनका गन्ना ऊंची कीमत में बिकता है

पेट्रोल के अंदर एथेनॉल ब्लेंडिंग को चुनौती देने वाली याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है। सरकार ने कहा कि याचिकाकर्ता के पीछे एक बड़ी लॉबी काम कर रही है। सरकार ने सभी पहलुओं पर विचार करने के बाद इसे मंजूरी दी है। इस पर ज्यादा जानकारी देते हुए सीएनबीसी -आवाज़ के संवाददाता असीम मनचंदा ने कहा कि एथेनॉल ब्लेंडिंग को चुनौती देने वाली याचिका सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दी गई है। सरकार ने कहा है कि याचिकाकर्ता के पीछे एक बड़ी लॉबी है। सरकार ने सभी पहलुओं पर विचार किया है।

SC में एथेनॉल ब्लेंडिंग पर जनहित याचिका दायर हुई थी। याचिका में कहा गया था कि इससे माइलेज कम हो रहा है। सरकार को एथेनॉल ब्लेंडेड पेट्रोल के लिए अलग प्रावधान करना चाहिए। इस याचिका के साथ ही यह भी साफ हो गया है कि देशवासियों को इथेनॉल फ्री पेट्रोल का विकल्प नहीं मिलेगा। देश में इन दिनों इथेनॉल का मुद्दा गर्म है।

इस याचिका में कहा गया था कि देशवासियों को इथेनॉल फ्री पेट्रोल का विकल्प भी मिलना चाहिए। मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई और के विनोद चंद्रन ने पूरे मामले की सुनवाई की और सरकार की तरफ से भारत के अटॉर्नी जनरल आर. वेंकटरमणि का पक्ष सुनने के बाद याचिका खारिज कर दी।

क्या है सरकार का तर्क

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