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कर्नाटक सरकार ने क्यों बढ़ाई डीजल-पेट्रोल की कीमत, क्या बाकी राज्य भी ऐसा करेंगे?

कर्नाटक की कांग्रेस सरकार ने पेट्रोल और डीजल की कीमतों में 3 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी की है। टैक्स में बढ़ोतरी को लेकर विपक्षी पार्टियां कांग्रेस की जमकर आलोचना कर रही हैं। कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने राज्य के विकास के लिए फंड की जरूरत का हवाला देकर पेट्रोल और डीजल पर सेल्स टैक्स बढ़ाने का ऐलान किया है

अपडेटेड Jun 18, 2024 पर 6:10 PM
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ऑयल मार्केटिंग कंपनियों ने 14 मार्च को डीजल-पेट्रोल में 2 रुपये प्रति लीटर की कटौती की थी।

कर्नाटक की कांग्रेस सरकार ने पेट्रोल और डीजल की कीमतों में 3 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी की है। टैक्स में बढ़ोतरी को लेकर विपक्षी पार्टियां कांग्रेस की जमकर आलोचना कर रही हैं। कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने राज्य के विकास के लिए फंड की जरूरत का हवाला देकर पेट्रोल और डीजल पर सेल्स टैक्स बढ़ाने का ऐलान किया है।

मनीकंट्रोल ने पेट्रोल-डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी और इसके मायने का विश्लेषण किया है:

कीमतों पर क्या असर हो रहा है?

कर्नाटक राज्य सरकार की तरफ से जारी नोटिफिकेशन के मुताबिक, पेट्रोल पर सेल्स टैक्स 25.92 पर्सेंट से बढ़ाकर 29.84 पर्सेंट कर दिया गया है, जबकि डीजल के लिए टैक्स 14.34 पर्सेंट से बढ़कर 18.44 पर्सेंट कर दिया गया है। चूंकि डीजल-पेट्रोल की कीमतों का असर सभी तरह के सामानों पर देखने को मिलता है, लिहाजा इसका असर बाकी सेक्टरों में भी देखा जा सकता है। मुख्य तौर पर ट्रांसपोर्ट पर इसका असर दिख सकता है।


क्या कह रहा है विपक्ष?

कर्नाटक सरकार द्वारा डीजल-पेट्रोल की कीमतों में बढ़ोतरी के बाद बीजेपी ने पूरे राज्य में विरोध-प्रदर्शन कर बढ़े हुए टैक्स को वापस लेने की मांग की है। केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी का कहना है कि तेल पर टैक्स बढ़ने की वजह से कर्नाटक के लोगों को अब खाने-पीने की चीजें, कपड़े, दवाइयां और सभी जरूरी आइटम पर ज्यादा टैक्स पड़ेगा।

क्या बाकी राज्य भी ऐसा करेंगे?

फिलहाल अभी यह साफ नहीं है कि कांग्रेस की अगुवाई वाली बाकी सरकारें भी अपने-अपने राज्यों में डीजल-पेट्रोल की कीमतों में बढ़ोतरी करेंगे या नहीं। बहरहाल, बीजेपी के नेतृत्व वाली राजस्थान सरकार ने 14 मार्च को पेट्रोल और डीजल पर VAT में 2 पर्सेंट की कमी की थी। हैदराबाद और केरल में पेट्रोल और डीजल की कीमतें सबसे ज्यादा हैं।

तेल की कीमतों का निर्धारण कैसे होता है?

इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन लिमिटेड (IOCL), भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन (BPCL) और हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (HPCL) समेत तमाम ऑयल मार्केटिंग कंपनियां (OMCs) देश में डीजल-पेट्रोल की रिटेल कीमतें तय करती हैं। ऑयल मार्केटिंग कंपनियों ने 14 मार्च को डीजल-पेट्रोल में 2 रुपये प्रति लीटर की कटौती की थी। आम तौर पर ऑयल मार्केटिंग कंपनियां पेट्रोल और डीजल की कीमतों में रोजाना बदलाव करती हैं, लेकिन कंपनियों ने कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट के बावजूद अप्रैल 2022 से फ्यूल की कीमतों में कोई बदलाव नहीं किया है। फ्यूल पर सेंट्रल एक्सपाइज टैक्स के अलावा, राज्य सरकारों द्वारा भी VAT लगाया जाता है।

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