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Rupee All-Time Low: रुपया रिकॉर्ड निचले स्तर पर पहुंचा, इन कारणों से बना दबाव

Rupee All- Time Low: डॉलर के मुकाबले रुपया आज अपने रिकॉर्ड निचले स्तर पर पहुंच गया। शुरुआती कारोबार में रुपया 88.49 तक गिरा, जबकि पिछले सत्र में यह 88.31 पर बंद हुआ था। एशियाई करेंसीज की कमजोरी और अमेरिकी डॉलर की मजबूती ने रुपये को दबाव में डाला। साथ ही अमेरिकी टैरिफ और H1B वीजा फीस में $100,000 की बढ़ोतरी से भी रुपये पर दोहरी मार पड़ी है।

अपडेटेड Sep 23, 2025 पर 10:46 AM
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रुपया 88.41 प्रति डॉलर पर खुला, जो सोमवार 22 सितंबर के 88.31 के बंद स्तर से कमजोर था, और शुरुआती कारोबार में ही 88.46 के ऑल टाईम लो को छू गया।

Rupee All- Time Low: डॉलर के मुकाबले रुपया आज अपने रिकॉर्ड निचले स्तर पर पहुंच गया। शुरुआती कारोबार में रुपया 88.49 तक गिरा, जबकि पिछले सत्र में यह 88.31 पर बंद हुआ था। एशियाई करेंसीज की कमजोरी और अमेरिकी डॉलर की मजबूती ने रुपये को दबाव में डाला। साथ ही अमेरिकी टैरिफ और H1B वीजा फीस में $100,000 की बढ़ोतरी से भी रुपये पर दोहरी मार पड़ी है।

रुपया 88.41 प्रति डॉलर पर खुला, जो सोमवार 22 सितंबर के 88.31 के बंद स्तर से कमजोर था, और शुरुआती कारोबार में ही 88.46 के ऑल टाईम लो को छू गया। यह गिरावट तब आई जब एशियाई बाजारों में डॉलर में थोड़ी गिरावट आई।

एक महीने के नॉन-डिलिवरेबल फॉरवर्ड (एनडीएफ) बाजार ने पहले ही कमजोर शुरुआत का संकेत दे दिया था, जिसमें कॉन्ट्रैक्ट में रुपया 88.31-88.32 के स्तर पर था।


इन कारणों से पड़ा असर

अमेरिकी नीतिगत कदमों का दबाव

व्यापारियों ने इस कमज़ोरी की वजह वाशिंगटन के ताज़ा संरक्षणवादी उपायों को बताया। अमेरिका ने अन्य एशियाई समकक्षों की तुलना में भारतीय निर्यात पर ज़्यादा टैरिफ़ लगाने की घोषणा की है, साथ ही नए आवेदनों के लिए एच-1बी वीज़ा शुल्क भी बढ़ा दिया है।

करेंसी एक्सपर्ट्स का कहना है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की नई नीतियां भी रुपये पर भारी पड़ रही हैं। हाल ही में अमेरिकी प्रशासन ने भारतीय गुड्स पर टैरिफ बढ़ाया है और H1B वीजा फीस $100,000 कर दी है। इससे न सिर्फ भारत के एक्सपोर्ट कॉस्ट बढ़े हैं बल्कि IT सेक्टर पर भी सीधा असर पड़ सकता है।

डॉलर में नरमी, फेड पर नज़र

इस बीच, मंगलवार को अमेरिकी डॉलर में गिरावट दर्ज की गई क्योंकि निवेशकों ने फेडरल रिजर्व के अधिकारियों की आक्रामक टिप्पणियों का आकलन किया। फेड ने पिछले हफ्ते ब्याज दरों में कटौती की थी और इस साल दो और कटौती के संकेत दिए थे। बाजार अब अक्टूबर में एक और कटौती की प्रबल संभावना पर विचार कर रहे हैं, जबकि नीति निर्माता मुद्रास्फीति और विकास को लेकर सतर्क रुख बनाए हुए हैं।

एचडीएफसी सिक्योरिटीज के दिलीप परमार ने कहा  नियर टर्म में हाजिर USDINR का रुख ऊपर की ओर बना हुआ है। जिसमें 88 पर सपोर्ट और 88.45 पर  रजिस्टेंस है।

MoneyControl News

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First Published: Sep 23, 2025 10:41 AM

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