Rupee Check: सोमवार को भारतीय रुपया गिरकर 86 के स्तर पर आ गया। कंज्यूमर प्राइस इफ्लेशन आंकड़े आने के पहले टैरिफ टेंशन के बीच ट्रेडर्स में बेचैनी बनी रही। यहीं कारण है कि रुपये की शुरुआत आज गिरावट के साथ हुई। साथ ही डॉलर में मजबूती और एफआईआई की निकासी भी रुपये में गिरावट की मुख्य वजह रही है। डॉलर के मुकाबले रुपया आज 19 पैसे कमजोर होकर 85.99 के स्तर पर बंद हुआ। वहीं शुक्रवार को डॉलर के मुकाबले रुपया 85.80 पर बंद हुआ था।
ब्लूमबर्ग के अनुसार सोमवार को घरेलू मुद्रा डॉलर के मुकाबले 20 पैसे की गिरावट के साथ 86 पर खुला। बाजार जानकारों के अनुसार शुक्रवार को भारतीय रुपया 83.90 के स्तर को छूने के बाद 83.80 पर बंद हुआ, जो दिन के कारोबार में 12 पैसे की मामूली बढ़त दर्शाता है।
एलकेपी सिक्योरिटीज कमोडिटी एवं करेंसी वीपी रिसर्च एनालिस्ट जतिन त्रिवेदी का कहना है कि डॉलर सूचकांक में सुधार के साथ रुपया 0.18 रुपये की गिरावट के साथ 85.95 पर कारोबार कर रहा था, जो पिछले सप्ताह के 96.50 के निचले स्तर से बढ़कर 98 के स्तर की ओर बढ़ रहा था। इसके अतिरिक्त कच्चे तेल की कीमतों में तेजी और घरेलू पूंजी बाजारों में मामूली कमजोरी ने रुपये पर दबाव बढ़ा दिया। इन सभी के कारण बाजार की धारणा प्रभावित होने से रुपया कमजोर रहा। मुद्रा के 85.45 से 86.25 के बीच कारोबार करने की उम्मीद है।
फिनरेक्स ट्रेजरी एडवाइजर्स एलएलपी के ट्रेजरी प्रमुख और कार्यकारी निदेशक अनिल कुमार भंसाली ने बताया कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कई देशों पर टैरिफ लगाए हैं, लेकिन भारत फिलहाल इससे मुक्त है और संभावित टैरिफ दर तय करने के लिए बातचीत जारी है। दिन के दौरान रुपये का मूल्य 85.50-86.00 के दायरे में रहने की उम्मीद है।
यूरोपीय संघ और मेक्सिको से आयात पर 30 प्रतिशत टैरिफ लगाने की ट्रंप की घोषणा के बाद ट्रेडर्स सतर्क नजरिया अपना रहे है। 6 प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले डॉलर का आकलन करने वाला डॉलर सूचकांक 0.08 फीसदी बढ़कर 97.93 पर पहुँच गया।
इस बीच रॉयटर्स के अनुसार 1 महीने के नॉन-डिलीवरेबल फॉरवर्ड ने 85.90-85.94 के दायरे में शुरुआत का संकेत दिया। सोमवार को अधिकांश एशियाई मुद्राओं और शेयरों में गिरावट आई।
मई 2025में देश की थोक महंगाई दर 14 महीने के निचले स्तर पर आ गई है। मई महीने की थोक महंगाई दर (WPI) 0.39 फीसदी पर रही है। जबकि अप्रैल 2024 में ये 0.85 फीसदी पर रही थी।
इधर कच्चे तेल की कीमतों में तेज़ी जारी रही क्योंकि निवेशक व्यापारिक तनाव के बीच रूस पर अतिरिक्त अमेरिकी प्रतिबंधों की संभावना पर विचार कर रहे थे। ब्रेंट क्रूड की कीमत 0.18 फीसदी बढ़कर 70.49 डॉलर प्रति बैरल हो गई, जबकि डब्ल्यूटीआई क्रूड की कीमतें 0.18 फीसदी बढ़कर 68.57 डॉलर प्रति बैरल पर नजर आ रही है।