Rupee Vs Dollar: मार्च 2026 तक 90 रुपए प्रति डॉलर तक गिर सकता है रुपया, जानें आज किन स्तरों पर हुआ बंद

Rupee Vs Dollar: बैंक ने अपने रिपोर्ट में बताया है कि रुपये में मजबूती के लिए घरेलू बाजार में लगातार इक्विटी फ्लो बढ़ना जरूरी है। वहीं डॉलर इंडेक्स में कमजोरी से भी मजबूती मिलेगी। ऐसी स्थिति में रुपया 87.80 रुपये प्रति डॉलर की ओर बढ़ सकता है, जबकि 88.80 प्रति डॉलर का स्तर टूटा तो गिरावट संभव है।

अपडेटेड Nov 20, 2025 पर 5:11 PM
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"रुपया रिकॉर्ड निचले लेवल की ओर बढ़ रहा है, ऐसे में हम RBI को दखल देते हुए देख सकते हैं।

Rupee Vs Dollar: डॉलर के मुकाबले रुपये में गिरावट आने वाले दिनों में और गहरा सकती है। ऐसे हम नहीं बल्कि यूनियन बैंक ऑफ इंडिया ने अपनी रिपोर्ट में कहा है। यूनियन बैंक ने अपनी रिपोर्ट में कहा है मार्च 2026 तक रुपया 90 प्रति डॉलर के करीब पहुंच सकता है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि रुपये की दिशा तय करने में बुनियादी और तकनीकी दोनों तरह के कारक अहम भूमिका निभाएंगे। बैंक का अनुमान है कि मौजूदा आर्थिक परिस्थितियों और वैश्विक कारकों को देखते हुए गिरावट का व्यापक रुझान जारी रहेगा। इससे अगले 1 साल में मुद्रा पर और दबाव बन सकता है।

बैंक ने अपने रिपोर्ट में बताया है कि रुपये में मजबूती के लिए घरेलू बाजार में लगातार इक्विटी फ्लो बढ़ना जरूरी है। वहीं डॉलर इंडेक्स में कमजोरी से भी मजबूती मिलेगी। ऐसी स्थिति में रुपया 87.80 रुपये प्रति डॉलर की ओर बढ़ सकता है, जबकि 88.80 प्रति डॉलर का स्तर टूटा तो गिरावट संभव है।


आज इन स्तरों पर हुआ बंद

गुरुवार को अमेरिकी करेंसी में बड़ी मजबूती और US फेडरल रिजर्व द्वारा रेट कट की उम्मीद कम होने से रुपया US डॉलर के मुकाबले 23 पैसे गिरकर 88.71 के स्तर पर बंद हुआ। फॉरेक्स ट्रेडर्स ने कहा कि US फेडरल रिजर्व के मिनट्स में यह इशारा मिलने के बाद कि अक्टूबर में रेट कट के बाद दिसंबर में रेट कट के ज़्यादातर अधिकारी खिलाफ थे, डॉलर में तेज़ी आई है और यह 100 के लेवल से ऊपर चला गया है।

एक्सपर्ट्स कैसे दिख रहे है रुपये की चाल

मिराए एसेट शेयरखान के रिसर्च एनालिस्ट अनुज चौधरी ने कहा, "हमें उम्मीद है कि डॉलर के बढ़ने और US फेडरल रिजर्व द्वारा दिसंबर में फेडरल ओपन मार्केट कमेटी (FOMC) की मीटिंग में रेट कट की उम्मीद कम होने से रुपया थोड़े नेगेटिव रुख के साथ ट्रेड करेगा।" एक्सपर्ट्स ने कहा कि इंपोर्टर्स की डॉलर डिमांड से रुपये पर और दबाव पड़ सकता है। हालांकि, ग्लोबल रिस्क लेने की क्षमता में बढ़ोतरी और इंडिया-US ट्रेड डील्स को लेकर उम्मीद से रुपये को निचले लेवल पर सपोर्ट मिल सकता है।

चौधरी ने कहा, "रुपया रिकॉर्ड निचले लेवल की ओर बढ़ रहा है, ऐसे में हम RBI को दखल देते हुए देख सकते हैं। ट्रेडर्स नॉन-फार्म पेरोल्स रिपोर्ट से भी संकेत ले सकते हैं। USD-INR स्पॉट प्राइस 88.40 से 89 की रेंज में ट्रेड करने की उम्मीद है।"

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