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Rupee Vs Dollar: डॉलर के मुकाबले रुपया मजबूत, शुरुआती कारोबार में 14 पैसे बढ़कर 1 महीने के हाई पर पहुंचा

Rupee Vs Dollar: विदेशी पूंजी प्रवाह और कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट के चलते सोमवार को शुरुआती कारोबार में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 14 पैसे बढ़कर एक महीने के उच्चतम स्तर 87.88 पर पहुंच गया

अपडेटेड Oct 20, 2025 पर 10:34 AM
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अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 87.88 पर कारोबार कर रहा था, जो पिछले बंद भाव से 14 पैसे ज़्यादा था। शुक्रवार को रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 88.02 पर बंद हुआ था।

Rupee Vs Dollar: विदेशी पूंजी प्रवाह और कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट के चलते सोमवार को शुरुआती कारोबार में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 14 पैसे बढ़कर एक महीने के उच्चतम स्तर 87.88 पर पहुंच गया। घरेलू शेयर बाजार में तेज बढ़त से भी रुपये की धारणा को बल मिला।

अंतरबैंक विदेशी मुद्रा बाजार में रुपया 87.94 पर मज़बूती से खुला और सीमित कारोबार के कारण सीमित दायरे में कारोबार करता रहा।शुरुआती कारोबार में रुपया 87.95 के निचले स्तर और 87.88 के उच्च स्तर पर पहुँच गया।

बाद में रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 87.88 पर कारोबार कर रहा था, जो पिछले बंद भाव से 14 पैसे ज़्यादा था। शुक्रवार को रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 88.02 पर बंद हुआ था।


सोमवार को शेयर और मुद्रा बाजार खुले रहेंगे। बीएसई और एनएसई की सूचना के अनुसार, शेयर बाजार मंगलवार को लक्ष्मी पूजन के लिए दोपहर 1.45 बजे से 2.45 बजे तक विशेष मुहूर्त ट्रेडिंग सत्र आयोजित करेंगे।

इस बीच छह मुद्राओं के मुकाबले डॉलर की मजबूती को दर्शाने वाला डॉलर इंडेक्स 0.02 प्रतिशत बढ़कर 98.45 पर पहुंच गया। वैश्विक तेल बेंचमार्क ब्रेंट क्रूड वायदा कारोबार में 0.31 प्रतिशत गिरकर 61.10 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया।

घरेलू शेयर बाजार में सोमवार को शुरुआती कारोबार में सेंसेक्स 668.88 अंक या 0.83 प्रतिशत बढ़कर 84,621.07 पर पहुंच गया, जबकि निफ्टी 202.25 अंक या 0.79 प्रतिशत बढ़कर 25,912.50 पर पहुंच गया। विश्लेषकों ने कहा कि पूंजी बाजार में डीआईआई की लगातार खरीदारी, एफआईआई की मामूली खरीदारी तथा ऑटोमोबाइल और व्हाइट गुड्स की त्योहारी सीजन में तेज बिक्री की खबरों का असर रहा।

जियोजित इन्वेस्टमेंट्स लिमिटेड के मुख्य निवेश रणनीतिकार वीके विजयकुमार ने कहा, "हाल के दिनों में एफआईआई गतिविधियों में मामूली बदलाव देखा जा रहा है। एफआईआई ने अपनी बिकवाली काफी कम कर दी है और कुछ दिनों में तो खरीदार भी बन गए हैं।"

"अक्टूबर 17 तक एफआईआई की बिकवाली में भारी गिरावट आई है और यह केवल ₹4,114 करोड़ रह गई है। एफआईआई की रणनीति में इस बदलाव का मुख्य कारण भारत और अन्य बाजारों के बीच मूल्यांकन के अंतर में कमी है। पिछले एक साल में भारत के कमज़ोर प्रदर्शन ने आगे चलकर बेहतर प्रदर्शन की संभावनाएं खोल दी हैं।"

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