मोतीलाल ओसवाल ने चांदी में निवेश करने की सलाह दी है। ब्रोकरेज फर्म ने अपनी नई रिपोर्ट में कहा है कि इनवेस्टर्स गिरावट आने पर चांदी में इनवेस्ट कर सकते हैं। इसकी वजह चांदी की बढ़ती इंडस्ट्रियल डिमांड है। ब्रोकरेज फर्म का यह भी कहना है कि चांदी की डिमांड उसकी सप्लाई से ज्यादा है। इसलिए चांदी की कीमतों में तेजी जारी रहने की उम्मीद है।
कई इंडस्ट्री में बढ़ रहा चांदी का इस्तेमाल
मोतीलाल ओसवाल की रिपोर्ट के मुताबिक, Silver के कुल इस्तेमाल में औद्योगिक इस्तेमाल की हिस्सेदारी करीब 60 फीसदी है। कई सेक्टर में सिल्वर का इस्तेमाल बढ़ रहा है। इनमें सोलर एनर्जी, इलेक्ट्रिक व्हीकल्स, 5जी टेक्नोलॉजी और इलेक्ट्रॉनिक्स शामिल हैं। इस साल की पहली छमाही में चीन का फोटोवोल्टिक (पीवी) मॉड्यूल एक्सपोर्ट्स 127 गीगा वॉट पहुंच गया। चांदी की बढ़ती डिमांड में इसका बड़ा हाथ है।
दुनियाभर में सिल्वर ईटीएफ में रिकॉर्ड निवेश
इनवेस्टमेंट के ट्रेंड से भी चांदी की कीमतों को सपोर्ट मिल रहा है। दुनियाभर में सिल्वर ईटीएफ और म्यूचुअल फंड की सिल्वर स्कीमों में रिकॉर्ड निवेश हो रहा है। सऊदी अरब के केंद्रीय बैंक ने सिल्वर से जुड़े ईटीएफ में 4 करोड़ डॉलर का निवेश किया है। रूस ने सरकार के सिल्वर रिजर्व में 53.5 करोड़ डॉलर का ऐलोकेशन किया है। इंडिया में सिल्वर का इंपोर्ट इस साल के पहले छह महीनो में 3,000 टन से ज्यादा रहा।
लगातार पांचवें साल चांदी की सप्लाई डिमांड से कम
मोतीलाल ओसवाल की रिपोर्ट में कहा गया है कि सिल्वर में ट्रेड पर स्ट्रक्चरल सप्लाई डेफिसिट का असर दिख रहा है। यह लगातार पांचवां साल है जब सिल्वर की सप्लाई उसकी डिमांड से कम है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि जियोपॉलिटिकल टेंशन और अमेरिका डॉलर में कमजोरी से भी चांदी की चमक बढ़ी है। इस महीने अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व के इंटरेस्ट रेट में कमी करने की उम्मीद है। इससे सोने और चांदी जैसे कीमती धातुओं की चमक बढ़ेगी।
1.5 लाख तक का लेवल छू सकती है चांदी
ब्रोकरेज फर्म का कहना है कि चांदी की कीमत अगले 12-15 महीनों में 1.35 से 1.50 लाख रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंच जाने की उम्मीद है। कॉमेक्स में चांदी की कीमत 45-50 डॉलर प्रति औंस तक पहुंच सकती है। रिपोर्ट में कहा गया है कि बढ़ती इंडस्ट्रियल डिमांड खासकर ग्रीन टेक्नोलॉजी की डिमांड और निवेशकों की खरीदारी से चांदी की कीमतों में तेजी जारी रहने की उम्मीद है। हालांकि, ज्वैलरी की डिमांड सुस्त बनी हुई है।
डिसक्लेमर: मनीकंट्रोल पर व्यक्त विचार एक्सपर्ट्स के अपने विचार होते हैं। ये वेबसाइट या मैनेजमेंट के विचार नहीं होते। मनीकंट्रोल इनवेस्टर्स को इनवेस्टमेंट का फैसला लेने से पहले सर्टिफायड एक्सपर्ट्स की राय लेने की सलाह देता है।