Soybean production: किसानों के बीच 'पीला सोना' के नाम से मशहूर सोयाबीन का उत्पादन में गिरावट संभव है। इस साल देश में सोयाबीन के उत्पादन में करीब 20.5 लाख टन की गिरावट आने की आशंका है, जिससे कुल उत्पादन 105.36 लाख टन तक पहुंच सकता है। सोयाबीन प्रोसेसर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (SOPA) ने सोयाबीन के रकबे और उत्पादकता में कमी के साथ-साथ फसल पर प्रतिकूल मौसम के प्रभाव को अनुमानित गिरावट का कारण बताया है।
SOPA ने गुरुवार को इंदौर में आयोजित अंतराष्ट्रीय सोया कॉन्क्लेव 2025 में तिलहन उद्योग के सैकड़ों प्रतिनिधियों की उपस्थिति में अपनी वार्षिक रिपोर्ट जारी की। रिपोर्ट के अनुसार, चालू खरीफ सीजन में 114.56 लाख हेक्टेयर में सोयाबीन की बुवाई हुई और इसका उत्पादन 105.36 मिलियन टन रहा, जिसकी औसत उत्पादकता 920 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर रही।
इंडस्ट्री बॉडी ने कहा कि 2024 खरीफ सीजन के दौरान देश में 118.32 लाख हेक्टेयर में सोयाबीन बोया गया था और उत्पादन 125.82 लाख टन था, जिसकी औसत उत्पादकता 1,063 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर थी।
SOPA के अध्यक्ष दविश जैन ने पीटीआई-भाषा को बताया, "इस साल मौसम की वजह से सोयाबीन की फसल को काफी नुकसान हुआ है। भारी मानसूनी बारिश, खासकर राजस्थान में, के कारण सोयाबीन का उत्पादन आधा रह गया।"
SOPA के executive director डी.एन. पाठक के अनुसार, पीले मोज़ेक वायरस के प्रकोप ने भी कई जगहों पर सोयाबीन की फसल को नुकसान पहुंचाया है।
भारी बारिश के कारण प्रमुख उत्पादक मध्य प्रदेश के कई जिलों में फसलें नष्ट हो गईं। इसके बाद राज्य सरकार ने इस तिलहन उत्पाद के लिए मूल्य अंतर भुगतान योजना शुरू की है।
इस योजना के तहत यदि व्यापारी मंडियों में किसानों से केंद्र द्वारा घोषित न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) से कम कीमत पर सोयाबीन खरीदते हैं, तो सरकार किसानों को अंतर की राशि का भुगतान करेगी।
SOPA के अनुसार भारत अपनी कुल खाद्य तेल ज़रूरतों का 60 फीसदी से अधिक आयात करता है, जिसकी लागत हर साल लगभग 1.7 लाख करोड़ रुपये विदेशी मुद्रा है। संगठन ने कहा कि खाद्य तेल में आत्मनिर्भरता के महत्वाकांक्षी लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए उन्नत बीजों की मदद से देश में सोयाबीन उत्पादन को बढ़ाने की जरूरत है।
केंद्र ने खरीफ सीजन 2025-26 के लिए सोयाबीन का एमएसपी 5,328 रुपये प्रति क्विंटल तय किया है। यह पिछले खरीफ सीजन के 4,892 रुपये प्रति क्विंटल के एमएसपी से 436 रुपये अधिक है।