15 फरवरी तक चीनी उत्पादन 12% घटा है। चीनी उत्पादन पर ISMA ने अपनी रिपोर्ट जारी की है जिसके मुताबिक भारत का चीनी उत्पादन सितंबर में समाप्त होने वाले चालू मार्केटिंग ईयर में 15 फरवरी तक 12 फीसदी घटकर 197.03 लाख टन रह गया, जिसका मुख्य कारण महाराष्ट्र और कर्नाटक में कम उत्पादन है। शुगर मार्केटिंग ईयर अक्टूबर से सितंबर तक चलता है।
महाराष्ट्र, कर्नाटक में 58 मिलों में उत्पादन नहीं हुआ। पिछले साल 22 मिलों में उत्पादन नहीं हुआ था। ISMA ने कहा कि 31 जनवरी तक इथेनॉल सप्लाई के आंकड़ों के अनुसार, इथेनॉल की ओर चीनी का डायवर्जन लगभग 14.1 लाख टन होने का अनुमान है जबकि एक वर्ष पूर्व इसी अवधि में लगभग 8.3 लाख टन चीनी का डायवर्जन हुआ था।
राज्यों में ISMA के आंकड़ों से पता चलता है कि उत्तर प्रदेश में चीनी उत्पादन 67.77 लाख टन से घटकर 64.04 लाख टन रह गया है। महाराष्ट्र में उत्पादन 79.45 लाख टन से घटकर 68.22 लाख टन रह गया जबकि कर्नाटक में उत्पादन इस दौरान में 43.20 लाख टन से घटकर 35.80 लाख टन रह गया।
ISMA के डीजी दीपक बल्लानी का कहना है कि अभी तक 461 मिलों में पेराई जारी है। 272 लाख टन चीनी के उत्पादन का अनुमान है। 10 लाख टन में से 2 लाख टन का एक्सपोर्ट हुआ। उत्तरप्रदेश में 65 लाख टन का उत्पादन हुआ था। 3 लाख टन का चीनी के एक्सपोर्ट का कॉन्टैक्ट हुआ। 60 लाख टन का क्लोजिंग स्टॉक होगा। उन्होंने आगे कहा कि महाराष्ट्र, कर्नाटक में 58 मिलें बंद हुई है। 280 लाख टन चीनी का कंजम्पशन है, जो शुगर इंडस्ट्रीज के लिए अच्छा है। चीनी का एक्सपोर्ट करीब 2 लाख टन हुआ है। अगले 2-3 महीने में 10 लाख टन एक्सपोर्ट होने की उम्मीद है।