मौजूदा मार्केटिंग सीजन में चीनी का उत्पादन पिछले साल से करीब 16% गिरा है। ISMA ने उत्पादन का पहला अनुमान जारी किया। ISMA ने कहा कि उत्पादन में 15.6% की गिरावट आई। चीनी का उत्पादन 95.40 लाख टन हुआ जबकि 333 लाख टन कुल उत्पादन संभव है। मौजूदा सीजन की पहली तिमाही में उत्पादन गिरा है। 1 अक्टूबर से मार्केटिंग सीजन शुरू होता है।
ISMA के मुताबिक कुछ राज्यों में एथेनॉल डायवर्जन बढ़ा है जिसके चलते चीनी का उत्पादन गिरा है। कर्नाटक, महाराष्ट्र में पेराई में देरी के कारण उत्पादन गिरी है।
साल 2023 में देश में चीनी का उत्पादन 113.01 लाख टन रहा है जबकि 2024 मे चीनी का उत्पादन 95.40 लाख टन रहा। एथेनॉल के लिए साल 2023-24 डायवर्जन 21.50 लाख टन रहा है जबकि 2024-25 में एथेनॉल के लिए 40 लाख टन चीनी का डायवर्जन रहा।
सरकार से 10 लाख टन के एक्सपोर्ट की मंजूरी देने की मांग की
ISMA के डायरेक्टर दीपक बल्लानी का कहना है कि महाराष्ट्र और कर्नाटक में पेराई देर से शुरु हुई है। उत्तर प्रदेश में यील्ड कम हुई है। बीते 15 दिनों का क्राशिंग रेट पिछले साल से अच्छा है। आगे भी क्रशिंग रेट अच्छा बने रहने की उम्मीद है। जनवरी अंत तक दूसरा अनुमान जारी करेंगे।
उन्होंने आगे कहा कि 315-320 लाख टन चीनी उत्पादन की उम्मीद है। अब तक 37.5 लाख टन का डायवर्जन एथेनॉल के लिए हुआ है। 2.5 लाख टन का और डायवर्जन हुआ है। एथेनॉल के लिए कुल डायवर्जन 40 लाख टन रहमे की उम्मीद है।
उन्होंने आगे कहा कि सरकार से 10 लाख टन के एक्सपोर्ट की मंजूरी देने की मांग की है। उन्होंने आगे कहा कि एक्सपोर्ट की मंजूरी मिलों को आर्थिक तौर पर राहत मिलेगी। हो सकता है नए साल में सरकार इंडस्ट्रीज को कुछ अच्छी खबर दें। हमने सरकार से चीनी की मिनिमम सेलिंग प्राइस भी बढ़ाने की मांग की है। एथेनॉल के भाव सरकार जल्द जारी कर सकती है।
उन्होंने आगे कहा कि देश में चीनी की कोई कमी नहीं है। अगले साल के लिए चीनी का प्रोडक्शन अच्छा लग रहा है। इस साल 18 फीसदी ब्लेंडिंग और अगले साल 20 फीसदी ब्लेंडिंग संभव है।