Commodity Roundup: सरकार दलहन, तिलहन की खरीद करेगी। यह खरीद खरीफ 2025-26 सीजन के लिए होगी । केंद्र ने महाराष्ट्र सहित चार राज्यों के किसानों से 15,000 करोड़ रुपये से ज्यादा की दलहन और तिलहन की खरीद योजना को मंजूरी दे दी। MSP के आधार पर किसानों को भुगतान होगा। केंद्र सरकार ने तेलंगाना, ओडिशा, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश में दलहन और तिलहन की खरीद योजना को मंजूरी दे दी है।
इन राज्यों के लिए कुल स्वीकृत खरीद राशि 15,095.83 करोड़ रुपये आंकी गई है, जिससे संबंधित राज्यों के लाखों किसानों को फायदा होगा। MSP के आधार पर किसानों को भुगतान होगा।
इन राज्यों के कृषि मंत्रियों और वरिष्ठ अधिकारियों के साथ वर्चुअल बैठक के दौरान प्रधानमंत्री अन्नदाता आय संरक्षण अभियान (पीएम-आशा) और मंत्रालय की अन्य योजनाओं के तहत ये स्वीकृतियां दी। कृषि मंत्री ने मूल्य समर्थन योजना (पीएसएस) अंतर्गत 38.44 करोड़ से 4,430 टन मूंग की खरीद को मंजूरी दी, जो तेलंगाना में राज्य के कुल उत्पादन का 25% है। उड़द की 100% और सोयाबीन की 25% खरीद होगी।
ओडिशा में 18,470 टन अरहर खरीद को मंजूरी दी। MP से 22.22 लाख टन सोयाबीन की खरीद को मंजूरी दी है। इसी प्रकार ओडिशा में 18,470 टन अरहर को पीएसएस के तहत 147.76 करोड़ रुपये के बजट आवंटन के साथ मंजूरी दी गई है। महाराष्ट्र से मूंग, उड़द और सोयाबीन खरीद को मंजूरी मिली है। मध्य प्रदेश में मूल्य कमी भुगतान योजना (PDPS) के तहत 22,21,632 टन सोयाबीन की खरीद को मंजूरी दी गई है, जिसका वित्तीय भार 1,775.53 करोड़ रुपये है।
खबर पर विस्तार से अपनी राय देते हुए IPGA के विमल कोठारी ने कहा कि दलहन की खरीद का ऐलान सरकार की तरफ से एक अच्छा कदम है। सरकार MSP पर खरीदारी करती है तो यह किसानों के लिए अच्छा होगा और सरकार की खरीद से किसानों को सपोर्ट मिलेगा। देश के कई राज्यों में उड़द की कटाई शुरु हो चुकी है। तुअर, मूंग, उड़द के दाम MSP के नीचे बने हुए हैं।
उन्होंने आगे कहा कि तुअर की कटाई नवंबर, दिसंबर के पहले हफ्ते में शुरु होगी। उत्तर प्रदेश में तुअर की फसल काफी अच्छी होती है, लेकिन बारिश से तुअर का उत्पादन 10-15 फीसदी घट सकता है। अफ्रीकी तुअर का थोक भाव 55-56 रुपये प्रति किलोग्राम पर कायम है। जहां तक इंपोर्टेट दालों का सवाल है वह काफी MSP से नीचे है।
उन्होंने आगे कहा कि मूंग का उत्पादन बढ़ने से सरकार ने इंपोर्ट बंद किया है। देश में दालों काइंपोर्ट काफी कम कीमत पर हो रहा है। कम भाव पर इंपोर्ट से किसानों को नुकसान होता है।
उन्होंने आगे कहा कि इंटरनेशनल मार्केट में भी दालों की कीमतों में गिरावट देखने को मिली है। सरकार को जल्द से जल्द खरीद शुरु करनी चाहिए।