दुनिया का सबसे Rare मेटल क्या है और क्यों लगातार बढ़ती जा रही है इसकी कीमत
रेयर अर्थ एलिमेंट की डिमांड जितनी तेजी से दुनिया में बढ़ रही है उतना ही खतरा इसके खत्म होने या फिर मुंहमांगी कीमत मिलने का बढ़ता जा रहा है। जानिए सबसे दुनिया का सबसे रेयर एलिमेंट रोडियम क्यों है इतना खास
अगर दुनिया पूरी ताकत से रीसइक्लिंग शुरू कर दे तो रेयर एलिमेंट हमारे आने वाली पीढ़ियों के लिए भी बचे रह सकते हैं
सोने और चांदी की कीमतों को तो आप खूब ट्रैक करते और निवेश करते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि दुनिया का सबसे महंगा मेटल क्या है? आप भले ही इसका नाम ना बता पाएं लेकिन इसका इस्तेमाल जरूर करते होंगे। दुनिया का सबसे महंगा मेटल है रोडियम (Rhodium) है। दुनिया में यह बहुत कम मात्रा में पाया जाता है इसलिए इसकी कीमत सोने और चांदी के मुकाबले लगभग डबल है।
किसी दूसरे मेटल की तरह रोडियम का पूरी तरह खनन नहीं किया जा सकता है। यह पृथ्वी की सबसे बाहरी, ठोस और पतली परत पर मिलती है। प्लैटिनम या निकेल की खदानों में प्लैटिनम फैमिली के साथ रोडियम पाया जाता है इसीलिए इसका खनन आसान नहीं होता है। इसे अलग करना और शुद्ध करना काफी मुश्किल और खर्चीला होता है। यही वजह है कि दुनिया भर में हर साल सिर्फ कुछ टन ही रोडियम का खनन हो पाता है जबकि इसका इस्तेमाल तेजी से बढ़ रहा है। साथ ही रोडियम की फिजिकल और केमिकल प्रॉपर्टीज भी इसे खास बनाती है।
रोडियम दुनिया के बहुत कम जगहों पर पाया जाता है जिससे इसकी वैल्यू और बढ़ जाती है। फिलहाल रोडियम के बारे में जितना पता चल पाया है उसके हिसाब से यह दक्षिण अफ्रीका और रूस में पाया जाता है।
रोडियम का इस्तेमाल कहां होता है?
गहनों की चमक बढ़ाने और उसे टिकाए रखने के लिए सोने और चांदी की कोटिंग में रोडियम का इस्तेमला किया जाता है।
इसके साथ ही ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री में प्रदूषण कम करने वाले कैटलिटिक कंवर्टर में भी रोडियम का इस्तेमाल होता है।
इसके साथ ही केमिकल, इलेक्ट्रॉनिक्स और कुछ वैज्ञानिक उपकरणों में भी रोडियम का इस्तेमाल होता है।
रोडियम बेहद सख्त होता है। इसकी खासियत है कि इसमें जंग नहीं लगती और इसीलिए यह लंबे समय तक चलता है।
रोडियम की कीमतें क्यों बढ़ रही
दुनिया भर में रोडियम की मांग बहुत ज्यादा है लेकिन इसकी मात्रा सीमित है और यही वजह है कि इसे दुनिया की सबसे रेयर और महंगी धातु माना जाता है।
डिमांड और सप्लाई के अंतर के कारण कई बार इसकी कीमतें बहुत ज्यादा बढ़ जाती हैं। 2021 में एक समय एक औंस रोडियम की कीमत 29,000 डॉलर यानि करीब 25,40,427.84 रुपए पहुंच गई था।
आपने ध्यान दिया होगा कि पिछले कुछ महीनों से भौगोलिक राजनीति में भी रेयर अर्थ एलिमेंट की चर्चा बढ़ गई है। यहां तक इसकी वजह से अमेरिका को भी चीन के सामने अपनी जिद छोड़नी पड़ी। अब इसे चीन की खुशकिस्मती कहें या भौगोलिक स्थिति चीन में ही दुनिया का सबसे ज्यादा रेयर अर्थ एलिमेंट मिलता है।
क्या दुनिया से खत्म हो जाएंगे रेयर एलिमेंट
चीन दुनिया का करीब 90 फीसदी रेयर मेटल का खनन करता है। लेकिन मार्केट एक्सपर्ट्स का कहना है कि अगले 15 से 20 साल में ये मेटल चीन से भी खत्म हो सकते हैं।
इसी तरह का एक रेयर धातु इंडियम है। जानकारों का कहना है कि अगले 10 साल में इंडियम, अगले 15 साल में प्लैटिनम और चांदी अगले 20 साल में खत्म हो सकती है। कुछ दूसरी सोर्स का दावा है कि इसी तरह मांग जारी रही तो एल्युमीनियम को खत्म होने में 80 साल का वक्त लग सकता है। कई तरह की स्टडी से पता चला है कि Earth Crust से मिलने वाला सबसे रेयर एलिमेंट रोडियम है। उसके बाद सोना, प्लैटिनम और टेल्यूरियम है।
BBC की एक रिपोर्ट के मुताबिक, येल स्कूल ऑफ फॉरेस्ट्री एंड एनवायर्नमेंटल स्टडीज के सेंटर फॉर इंडस्ट्रियल इकोलॉजी के निदेशक थॉमस ग्रेडेल के अनुसार, ये आंकड़े भले ही चौंकाने वाले हैं लेकिन चांदी, प्लैटिनम, एल्युमीनियम या किसी भी अन्य खनिज संसाधन का पूर्ण विनाश शायद कभी नहीं होगा। वे कहते हैं कि हमारे पास कभी भी कोई प्राकृतिक संसाधन पूरी तरह से समाप्त नहीं हुआ है, और लगभग निश्चित रूप से कभी समाप्त भी नहीं होगा।
रीसाइक्लिंग से मिल सकती है राहत
रेयर एलिमेंट का इस्तेमाल जितनी तेजी से बढ़ रहा है और जितनी तेजी से इन एलिमेंट का खनन हो रहा है। उससे कहीं ज्यादा आसान है पुराने इलेक्ट्रिक उपकरणों में इस्तेमाल होने वाली धातुओं को रीसाइकिल करके दोबारा यूज करना। नए खनन करने के मुकाबले इसका खर्चा भी कम होगा। अगर दुनिया पूरी ताकत से रीसइक्लिंग शुरू कर दे तो रेयर एलिमेंट हमारे आने वाली पीढ़ियों के लिए भी बचे रह सकते हैं।