सितंबर 2023 तिमाही में कोल इंडिया लिमिटेड (Coal India Limited) का कंसॉलिडेटेड नेट प्रॉफिट 12.5 पर्सेंट की बढ़ोतरी के साथ 6,800 करोड़ रुपये रहा। एक साल पहले इसी अवधि में कंपनी का मुनाफा 6,043.5 करोड़ रुपये था। संबंधित अवधि में कंपनी का रेवेन्यू तकरीबन 4 पर्सेंट बढ़कर 3,277 करोड़ रुपये रहा। जुलाई-सितंबर तिमाही में कोल इंडिया लिमिटेड (CIL) की कंसॉलिडेटेड सेल्स बढ़कर 29,978.01 करोड़ रुपये हो गई। पिछले साल की इसी अवधि में कंपनी की सेल्स 27,538.59 करोड़ रुपये थी।
प्रॉफिट में बढ़ोतरी की मुख्य वजह बेहतर सेल्स और कोल इंडिया लिमिटेड के ज्वाइंट वेंचर का प्रॉफिट में योगदान है। कंपनी के ज्वाइंट वेंचर का प्रॉफिट में योगदान 89.75 करोड़ रुपये रहा, जो पिछले साल की इसी अवधि में -140.75 रुपये था। सितंबर तिमाही में कंपनी का ऑपरेशनल रेवेन्यू 4 पर्सेंट बढ़कर 3,277 करोड़ रुपये रहा। कंपनी का इबिट्डा (EBITDA) 12 पर्सेंट बढ़कर 10,121 करोड़ रुपये रहा, जबकि पिछले साल की इसी अवधि में यह 9,040 करोड़ रुपये था। सितंबर 2024 तिमाही में कंपनी का इबिट्डा मार्जिन 29.1 पर्सेंट रहा, जो पिछले साल 28.6 पर्सेंट था।
माइनिंग कंपनी के नतीजे शेयर बाजार के अनुमानों के मुताबिक रहे हैं। एनालिस्ट्स ने कंपनी की परफॉर्मेंस सामान्य रहने की उम्मीद जताई थी। ई-ऑक्शन की कीमतों में कमी और सैलरी संबंधी खर्च में बढ़ोतरी की वजह से नतीजे सुस्त रहने का अनुमान था। हालांकि, सालाना आधार पर बेहतर वॉल्यूम ग्रोथ से सैलरी संबंधी खर्च की भरपाई हो जाने की उम्मीद जताई गई थी।
मनीकंट्रोल की रिपोर्ट के मुताबिक, कंपनी का रेवेन्यू सालाना आधार पर 6 पर्सेंट की बढ़ोतरी के साथ 31,751.80 करोड़ रुपये रहने का अनुमान था। साथ ही, नेट प्रॉफिट सालाना आधार पर 11 पर्सेंट घटकर 6,831.40 करोड़ रुपये की उम्मीद थी। कोल इंडिया ने रेगुलेटरी फाइलिंग में बताया कि कंपनी के बोर्ड ने 15.25 रुपये प्रति शेयर के हिसाब से अपना पहला अंतरिम डिविडेंड घोषित किया है। इसके तहत, रिकॉर्ड डेट के लिए 21 नवंबर की तारीख तय की गई है। भारत में कोयले के कुल उत्पादन में कोल इंडिया लिमिटेड की 80 पर्सेंट से भी ज्यादा हिस्सेदारी है।