Maruti Suzuki Q1 Preview : देश की दिग्गज ऑटो मेकर Maruti Suzuki India के नतीजे 27 जुलाई को आएंगे। जून 2022 को समाप्त तिमाही में कंपनी के मुनाफे में तिमाही आधार पर 5-12 फीसदी की गिरावट देखने को मिल सकती है। रेवेन्यू में और ऑपरेटिंग इनकम में गिरावट के चलते तिमाही आधार पर कंपनी के प्रदर्शन पर दबाव रह सकता है लेकिन लो बेस के कारण सालाना आधार पर कंपनी की ग्रोथ 250 फीसदी से ज्यादा रह सकती है।
बतातें चले कि जून 2021 में कोविड -19 की दूसरी लहर के चलते देश के तमाम हिस्से में लॉकडाउन लागू था जिसका निगेटिव असर मारुति सुजुकी जैसी कंपनियों के प्रदर्शन पर देखने को मिला था।
निफ्टी आईटी इंडेक्स नए हाई पर नजर आ रहा है लेकिन मारुति सुजुकी के स्टॉक ने बहुत बेहतर प्रदर्शन नहीं किया है। वर्तमान वित्त वर्ष में मारुति के शेयरों में करीब 13 फीसदी की तेजी देखने को मिली है जबकि इसी अवधि में निफ्टी ऑटो इंडेक्स 16 फीसदी भागा है।
27 जुलाई को आने वाले तिमाही नतीजों के पहले पिछले 2 दिनों से मारुति सुजुकी के स्टॉक पर दबाव देखने को मिल रहा है। ब्रोकरेज हाउसेस का मानना है कि 30 जून 2022 को खत्म हुई तिमाही में कंपनी की रेवेन्यू में तिमाही आधार पर 1-3 फीसदी की गिरावट देखने को मिल सकती है। लेकिन सालाना आधार पर लो बेस के कारण 45 फीसदी से ज्यादा की बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है।
गौरतलब है कि जून 2022 को खत्म तिमाही में मारुति सुजुकी ने 4.67 लाख से ज्यादा वाहन बेचे हैं। इस अवधि में कंपनी की बिक्री में तिमाही आधार पर 4.3 फीसदी की गिरावट देखने को मिली है लेकिन सालाना आधार पर इसमें 32.2 फीसदी की बढ़त देखने को मिली है।
Kotak Institutional Equities का कहना है कि 30 जून 2022 को खत्म हुई पहली तिमाही में कंपनी के रेवेन्यू में तिमाही आधार पर 3 फीसदी की गिरावट देखने को मिल सकती है जबकि इसके वॉल्यूम में 4 फीसदी की गिरावट देखने को मिल सकती है। वहीं, तिमाही आधार पर कंपनी की औसत सेलिंग प्राइस में पहली तिमाही के दौरान की गई कीमत बढ़ोतरी की वजह से 1.5 फीसदी की बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है।
Kotak Institutional का यह भी कहना है कि कंपनी के एडजेस्टेट प्रॉफिट में सालाना आधार पर 265 फीसदी की ग्रोथ देखने को मिल सकती है वहीं तिमाही आधार पर इसमें 12.5 फीसदी की गिरावट देखने को मिल सकती है।
ICICI Direct का कहना है कि वित्त वर्ष 2023 की पहली तिमाही में मारुति सुजुकी का प्रदर्शन स्थिर रह सकता है। इस अवधि में कंपनी की आय में तिमाही आधार पर 2.6 फीसदी की गिरावट देखने को मिल सकती है। इसके अलावा वॉल्यूम में तिमाही आधार पर 4.3 फीसदी की गिरावट देखने को मिल सकती है। जबकि औसत सेलिंग प्राइस में तिमाही आधार पर बढोतरी देखने को मिल सकती है। ऊंची उत्पादन और मार्केटिंग की बढ़ी लागत के चलते तिमाही दर तिमाही आधार पर कंपनी के मुनाफे पर दबाव देखने को मिल सकता है।
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