Swiggy Q4 Results: ऑनलाइन फूड ऑर्डर लेकर उसे डिलीवरी करने वाली कंपनी स्विगी (Swiggy) ने वित्त वर्ष 2025 की चौथी तिमाही के लिए अपने वित्तीय नतीजे आज यानी कि 9 मई को जारी कर दिये हैं। वित्त वर्ष 2025 की चौथी तिमाही में कंपनी ने 1,081.18 करोड़ रुपये का शुद्ध घाटा दर्ज किया है। यह वित्त वर्ष 2024 की चौथी तिमाही में दर्ज 554.77 करोड़ रुपये के शुद्ध लाभ से 94 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि दर्शाता है। इस मतलब है कि पिछले साल की तुलना में इस साल की चौथी तिमाही में कंपनी का घाटा लगभग दोगुना हो गया। ऑपरेशंस से इसका रेवन्यू 45 प्रतिशत बढ़कर 4,410 करोड़ रुपये हो गया, जो एक साल पहले 3,046 करोड़ रुपये था। पिछली तिमाही में इसने 3,993 करोड़ रुपये का रेवन्यू दर्ज किया था।
कंपनी ने 9 मई को बाजार बंद होने के बाद अपने नतीजे जारी किए। इसका खर्च सालाना आधार पर करीब 53 प्रतिशत बढ़कर 5,609.67 करोड़ रुपये हो गया।
पूरे वित्त वर्ष के लिए स्विगी का घाटा 3,117 करोड़ रुपये रहा, जो पिछले वित्त वर्ष के 2,350 करोड़ रुपये से 33 प्रतिशत अधिक है। पूरे वर्ष (वित्त वर्ष 25) के लिए, कंपनी ने 15,227 करोड़ रुपये का कंसोलिडेटेड रेवन्यू दर्ज किया, जो वित्त वर्ष 24 में 11,247 करोड़ रुपये से 35 प्रतिशत अधिक है।
प्रतिद्वंदी जोमैटो के कैसे रहे नतीजे
इस बीच, इसके मुख्य प्रतिद्वंद्वी जोमैटो (Zomato) ने मार्च तिमाही के दौरान शुद्ध मुनाफे में 78 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की, जो 39 करोड़ रुपये रहा। पूरे वर्ष के लिए जोमैटो का मुनाफा सालाना आधार पर 50 प्रतिशत बढ़कर 527 करोड़ रुपये हो गया।
जोमैटो का रेवन्यू चौथी तिमाही में 64 प्रतिशत बढ़कर 5,833 करोड़ रुपये हो गया। इसके पूरे साला का रेवन्यू 67 प्रतिशत बढ़कर 20,243 करोड़ रुपये हो गया।
क्या कहा कंपनी के सीईओ ने
कंपनी के प्रदर्शन के बारे में बात करते हुए, स्विगी ग्रुप के सीईओ और एमडी श्रीहर्ष मजेटी (Swiggy Group CEO & MD Sriharsha Majety) ने कहा, "वित्त वर्ष 25 स्विगी के लिए कई नई उपलब्धियों वाला साल रहा। हमने इंस्टामार्ट, स्नैक और हाल ही में, पिंग में कई नए ऐप लॉन्च किए हैं। इन सभी का उद्देश्य नए यूजर सेंगमेंट् और मार्केट्स को खोलना है। हमारे फूड डिलीवरी इंजन ने इनोवेशन और निष्पादन में अब तक के सर्वश्रेष्ठ परिणाम दिए, जिससे इस श्रेणी में हमारी सबसे ज्यादा ग्रोथ हुई और मुनाफ़ा भी बढ़ा।"
इस बीच, बेंगलुरु स्थित फर्म स्विगी का कुल खर्च मार्च में समाप्त तिमाही में बढ़कर 5,609.6 करोड़ रुपये हो गया, जो एक साल पहले 3,668 करोड़ रुपये और एक तिमाही पहले 4,898 करोड़ रुपये था। पूरे साल के लिए, स्विगी का खर्च 18,725 करोड़ रुपये रहा, जो पिछले साल के 13,947 करोड़ रुपये से 34 प्रतिशत ज़्यादा है।
9 मई को बाजार बंद होने पर स्विगी के शेयर बीएसई पर 0.19 प्रतिशत की गिरावट के साथ 314 रुपये प्रति शेयर पर कारोबार कर रहे थे।
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