Tata Motors Q3 Results: कार बनाने वाली दिग्गज कंपनी टाटा मोटर्स लिमिटेड ने आज 29 जनवरी को वित्त वर्ष 2025 की तीसरी तिमाही के नतीजे जारी कर दिए हैं। अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में कंपनी का कंसोलिडेटेड नेट प्रॉफिट में सालाना आधार पर 22 फीसदी घट गया है। कंपनी ने इस अवधि में 5,451 करोड़ रुपये का मुनाफा कमाया है। यह आंकड़ा एनालिस्ट्स के अनुमान से भी कम है। कंपनी के प्रदर्शन पर कमजोर मार्जिन और जैगुआर लैंड रोवर (JLR) की धीमी बिक्री का असर पड़ा, हालांकि तिमाही आधार पर कुछ सुधार देखने को मिला।
Tata Motors का रेवेन्यू 2.7 फीसदी बढ़ा
कुल बिक्री में मामूली सुधार के चलते ऑपरेशन से रेवेन्यू 2.7 फीसदी बढ़कर 1,13,575 करोड़ रुपये हो गया। हालांकि, EBITDA मार्जिन सालाना 60 बेसिस प्वाइंट घटकर 13.7 फीसदी हो गया। EBIT 10000 करोड़ रुपये रहा, जिसमें 60 बेसिस पॉइंट का सुधार देखा गया। टाटा मोटर्स के शेयरों में आज 29 जनवरी को 3.29 फीसदी की तेजी आई है और यह स्टॉक NSE पर 752.45 रुपये के भाव पर बंद हुआ है। कंपनी ने बाजार बंद होने के बाद नतीजे जारी किए हैं।
Tata Motors का Q3 सेगमेंटल परफॉर्मेंस
लग्जरी व्हीकल सब्सिडियरी ने ₹7.5 बिलियन (GBP) का रिकॉर्ड तिमाही रेवेन्यू दर्ज किया, जो पिछले वर्ष की तुलना में 1.5 फीसदी अधिक है। EBIT मार्जिन 9 फीसदी रहा, जो एक दशक में सबसे अधिक है, हालांकि EBITDA मार्जिन 200 बेसिस पॉइंट घटकर 14.2 फीसदी पर आ गया। JLR का प्रॉफिट बिफोर टैक्स (एक्सेप्शनल आइटम्स को छोड़कर) ₹523 मिलियन (GBP) रहा, जो पिछले साल के ₹627 मिलियन से कम है। कंपनी ने तिमाही आधार पर वृद्धि के लिए सप्लाई चेन में सुधार को प्रमुख कारण बताया, लेकिन खासकर चीन में मांग को लेकर सतर्कता जताई।
कमर्शियल व्हीकल्स (CV): इस सेगमेंट का रेवेन्यू सालाना आधार पर 8.4 फीसदी घटकर ₹18,431 करोड़ रहा, जो कमजोर बिक्री और अनफेवरेबल प्रोडक्ट मिक्स के कारण था। हालांकि, EBITDA मार्जिन में सुधार हुआ और यह 12.4 फीसदी तक पहुंच गया, जो 130 बेसिस पॉइंट का सुधार दिखाता है। यह सुधार मटेरियल कॉस्ट में बचत और सरकार की प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (PLI) स्कीम से लाभ के कारण हुआ।
पैसेंजर व्हीकल्स (PV): इस सेगमेंट का रेवेन्यू 4.3 फीसदी घटकर ₹12,354 करोड़ रहा। इसके बावजूद, EBITDA मार्जिन 120 बेसिस पॉइंट बढ़कर 7.8 फीसदी हो गया, जो लागत में कटौती और PLI इंसेंटिव की मदद से संभव हुआ। कंपनी के पर्सनल सेगमेंट में इलेक्ट्रिक व्हीकल (EV) की बिक्री सालाना आधार पर 19 फीसदी बढ़ी, हालांकि, फ्लीट बिक्री पर FAME II सब्सिडी के समाप्त होने का असर पड़ा।
टाटा मोटर्स ने कहा कि इसका प्रॉफिट बिफोर टैक्स (एक्सेप्शनल आइटम्स को छोड़कर) मामूली रूप से घटकर ₹7700 करोड़ हो गया, जो पिछले साल की तुलना में ₹75 करोड़ कम है। ऑटोमोटिव फ्री कैश फ्लो ₹4700 करोड़ रहा, जो बेहतर बिक्री वॉल्यूम्स के कारण हुआ; और फाइनेंस कॉस्ट ₹760 करोड़ घटकर ₹1725 करोड़ हो गया, जो सकल कर्ज में कमी को दिखाता है।
टाटा मोटर्स ने अपने बयान में कहा कि उसे उम्मीद है कि इन्फ्रास्ट्रक्चर में निवेश, आगामी प्रोडक्ट लॉन्च और स्टेबल इंटरेस्ट रेट्स के कारण मांग में धीरे-धीरे सुधार होगा। चौथी तिमाही में जेएलआर की होलसेल वॉल्यूम में और सुधार होने का अनुमान है, हालांकि कंपनी ओवरऑल डिमांड ट्रेंड, खासकर चीन में, के बारे में सतर्क बनी हुई है।
टाटा मोटर्स के ग्रुप सीएफओ पीबी बालाजी ने कहा, "हमने तीसरी तिमाही में सभी बिजनेस में क्रमिक सुधार किया है। हमारे फंडामेंटल मजबूत बने हुए हैं और बाहरी चुनौतियों के बावजूद, हमें इस साल एक और मजबूत प्रदर्शन देने का भरोसा है।"