Dream11 की पैरेंट फर्म की 'घर वापसी', आखिर अमेरिका से भारत क्यों शिफ्ट किया हेडक्वार्टर?
Dream11 की पैरेंट कंपनी Dream Sports ने अमेरिका से भारत हेडक्वार्टर शिफ्ट कर लिया, जिससे इसे ऑपरेशनल और कानूनी फायदे मिलेंगे। आइए जानते हैं कि कंपनी ने यह कदम क्यों उठाया और इससे क्या Dream11 यूजर्स पर कोई असर पड़ेगा।
Dream Sports से पहले PhonePe, Zepto, Groww जैसी बड़ी कंपनियां भी अपना हेडक्वार्टर भारत शिफ्ट कर चुकी हैं।
मशहूर फैंटेसी स्पोर्ट्स प्लेटफॉर्म Dream11 की पैरेंट कंपनी Dream Sports ने अपना मुख्यालय अमेरिका से भारत शिफ्ट कर लिया है। यह उन भारतीय स्टार्टअप्स की लहर का हिस्सा है, जो ‘रिवर्स फ्लिपिंग’ के तहत अपने रजिस्ट्रेशन को फिर से भारत ला रहे हैं। इसके पीछे सरकार की अनुकूल नीतियां और आसान नियम माने जा रहे हैं।
कंपनी के प्रवक्ता ने Moneycontrol को बताया, "हम टेक्नोलॉजी के जरिए भारत के स्पोर्ट्स सेक्टर को नई ऊंचाइयों पर ले जा रहे हैं। अब हम पूरी तरह से भारतीय कंपनी बन चुके हैं।"
PhonePe, Groww के बाद Dream Sports की 'घर वापसी'
Dream Sports से पहले PhonePe, Zepto, Groww जैसी बड़ी कंपनियां भी अपना हेडक्वार्टर भारत शिफ्ट कर चुकी हैं। वहीं, Razorpay, Meesho, Pine Labs, Udaan और Flipkart भी इस प्रक्रिया में हैं।
सरकार की नई नीति से हुआ बदलाव
सितंबर 2024 में सरकार ने Companies Amendment Rules, 2024 पेश किए। इससे विदेशी होल्डिंग कंपनियों और उनकी भारतीय सब्सिडियरीज के मर्जर की प्रक्रिया आसान हो गई। अब कंपनियों को NCLT (National Company Law Tribunal) की मंजूरी नहीं लेनी होगी, बल्कि सिर्फ RBI की अनुमति की जरूरत होगी।
Dream Sports ने Dream Sports Inc का मर्जर मुंबई की Sporta Technologies Private Limited के साथ कर दिया है। इससे कंपनी को कई फायदे होंगे, जैसे कि:
ऑपरेशनल खर्च में कमी
अलग-अलग हिस्सों को एकजुट होकर काम करना
कानूनी और प्रशासनिक औपचारिकताएं कम होंगी
भारत और अमेरिका के बीच संसाधनों की बर्बादी नहीं होगी
28% GST और टैक्स नोटिस का दबाव
हालांकि, यह बदलाव ऐसे समय पर हुआ है जब भारत में रियल-मनी गेमिंग (RMG) सेक्टर मुश्किल दौर से गुजर रहा है। सरकार ने इस सेक्टर पर 28% GST लगा दिया है। इससे Dream11 और अन्य प्लेटफॉर्म्स पर भारी टैक्स का बोझ आ गया है।
सरकार ने Dream Sports और अन्य गेमिंग कंपनियों पर ₹1.5 लाख करोड़ का टैक्स बकाया होने का दावा भी किया है। हालांकि, जनवरी 2025 में सुप्रीम कोर्ट ने इन नोटिस पर फिलहाल रोक लगा दी थी, लेकिन इस मामले की सुनवाई जल्द होगी।
$8 बिलियन वैल्यूएशन वाली कंपनी
Dream Sports की शुरुआत 2008 में हर्ष जैन और भावित शेठ ने की थी। कंपनी की वैल्यू $8 बिलियन है और इसे 2021 में Falcon Edge, DST Global, D1 Capital, Redbird Capital, Tiger Global, TPG और Footpath Ventures से $840 मिलियन की फंडिंग मिली थी।
कंपनी के पास Dream11 के अलावा ये ब्रांड्स भी हैं:
FanCode: स्पोर्ट्स कंटेंट और कॉमर्स प्लेटफॉर्म
DreamSetGo: स्पोर्ट्स एक्सपीरियंस प्लेटफॉर्म
Dream Game Studios: मोबाइल गेम डेवलपमेंट
Dream Sports Foundation: कंपनी की CSR शाखा
क्या Dream11 के यूजर्स पर असर पड़ेगा?
Dream Sports के भारत में रजिस्ट्रेशन ट्रांसफर से यूजर्स पर कोई सीधा असर नहीं होगा। हालांकि, कंपनी को नए टैक्स नियमों और कानूनी मामलों का सामना करना पड़ेगा। लंबे समय में यह कदम Dream11 और अन्य गेमिंग कंपनियों को भारत में बेहतर और स्थिर बिजनेस माहौल बनाने में मदद कर सकता है।
Dream Sports की फाइनेंशियल परफॉर्मेंस
FY23 में Dream Sports का रेवेन्यू 66% बढ़कर ₹6,384.49 करोड़ हो गया था, जबकि FY22 में यह ₹3,841 करोड़ था। FY24 में कंपनी के रेवेन्यू में 40-50% गिरावट का अनुमान है और मुनाफे में 80% तक की कमी आ सकती है।