विक्रम सोलर (Vikram Solar), एसीएमई सोलर (ACME Solar) और एसपीएमएल इंफ्रा (SPML Infra); इन तीनों में लिस्टेड कंपनियों के ऑर्डर बुक में आज बड़ा फेर-बदल हुआ है। इसका असर इन तीनों कंपनियों के शेयरों पर भी दिखा और ये 10% तक उछल गए। सबसे तेज उछाल तो विक्रम सोलर के शेयरों में दिखी जो इंट्रा-डे में बीएसई पर 10.45% उछलकर ₹356.65 पर पहुंच गया। फिलहाल यह 9.49% की तेजी के साथ ₹353.50 पर है। एसीएमई सोलर के शेयर अभी 3.32% की बढ़त के साथ ₹306.30 पर हैं लेकिन इंट्रा-डे में यह 6.19% उछलकर ₹314.80 पर पहुंच गया था। अब बात करें एसपीएमएल इंफ्रा की तो इसके शेयर इंट्रा-डे में 4.10% चढ़कर ₹296.75 पर पहुंच गया था। फिलहाल यह 2.53% की बढ़त के साथ ₹292.25 पर है।
विक्रम सोलर को एलएंडटी कंस्ट्रक्शन (L&T Construction) से हाई एफिसिएंसी वाले 336 मेगावाट के सौर मॉड्यूल की सप्लाई का एक बड़ा ऑर्डर मिला है। इसे गुजरात के खावड़ा में स्थापित किया जाएगा। इसके तहत कंपनी एन-टाइप टेक्नोलॉजी पर बने लेटेस्ट हाइपरसोल जी12आर मॉड्यूल देगी। इसमें 80% तक बाईफेशियल्टी में सुधार, ऊंचे तापमान पर काम करने की क्षमता में सुधार, और सालाना 0.4% या इससे कम के क्षरण जैसी खूबियां है। इन मॉड्यूल्स से बैलेंस ऑफ सिस्टम (BoS) एफिसिएंसी बढ़ने और लेवलाइज्ड कॉस्ट ऑफ एनर्जी (LCoE) के कम होने की उम्मीद है जिससे सोलर पावर की लागत कम होगी और इसकी पहुंच बढ़ेगी।
एसीएमई सोलर ने चुझोउ लिशेन न्यू एनर्जी टेक्नोलॉजी (Chuzhou Lishen New Energy Technology) को 2 GWh बैटरी एनर्जी स्टोरेज सिस्टम (BESS) का ऑर्डर दिया है। यह ऑर्डर पॉस्को इंटरनेशनल (POSCO International) और चाइना FAW ग्रुप इम्पोर्ट एंड एक्सपोर्ट कंपनी के जरिए एसीएमई सोलर ने दिया है। इस ऑर्डर के तहत 10 महीने में डिलीवरी छह चरणों में होगी। इन्हें एसीएमई सोलर की FDRE (फर्म एंड डिस्पैचेबल रिन्यूएबल एनर्जी) और स्टैंडअलोन BESS प्रोजेक्ट्स में लगाया जाएगा, जिन्हें 12 से 18 महीनों के भीतर चालू करने की योजना है।
जेडब्ल्यूआईएल इंफ्रा के साथ 51% हिस्सेदारी में एसपीएमएल इंफ्रा के ज्वाइंट वेंचर को ₹1,438 करोड (जीएसटी मिलाकर) का प्रोजक्ट मिला है। ज्वाइंट वेंचर को यह प्रोजेक्ट राजस्थान के भरतपुर के पब्लिक हेल्थ इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट (PHED) से मिला है। यह प्रोजेक्ट जल जीवन मिशन का हिस्सा है। इसका उद्देश्य इलाके में पानी की सप्लाई के इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करना है। इसके तहत कंपनी को निर्माण के साथ-साथ 10 साल तक ऑपरेशन और मेंटेनेंस (O&M) का काम भी मिला है। कंपनी के मुताबिक इस प्रोजेक्ट से धोलपुर के 15 लाख से अधिक लोगों को पीने का साफ पानी मिलेगा।
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