भारत में इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर गाड़ियों का इस्तेमाल काफी बढ़ रहा है। इनवेस्टमेंट बैंकिंग कंपनी जेफरीज की रिपोर्ट के मुताबिक, वित्त वर्ष 2026-27 तक टू-व्हीलर्स सेगमेंट में इलेक्ट्रिक गाड़ियों की हिस्सेदारी बढ़कर 13 पर्सेंट हो गई। मार्च 2024 को खत्म फाइनेंशियल ईयर में टू-व्हीलर्स में इलेक्ट्रिक गाड़ियों की हिस्सेदारी 5 पर्सेंट है। वित्त वर्ष 2020-21 से 2023 तक में टू-व्हीलर सेगमेंट में इलेक्ट्रिक गाड़ियों की हिस्सेदारी में मामूली बढ़ोतरी देखने को मिली।
बहरहाल, जेफरीज का दावा है कि इंसेंटिव में कटौती की वजह से पिछले 12 महीनों में इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर्स की हिस्सेदारी 4-7 पर्सेंट के दायरे में रही। हालांकि, इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों ने इस दौरान कम कीमत वाले बाइक और स्कूटर भी पेश किए। ब्रोकरेज फर्म की रिपोर्ट में कहा गया है, 'हम फिलहाल यह मानकर चल रहे हैं कि इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर्स की हिस्सेदारी 5 पर्सेंट से बढ़कर वित्त वर्ष 2025/ वित्त वर्ष 2026 /वित्त वर्ष 2027 में क्रमशः 7%/10% /13% हो सकती है। हालांकि, अगले दो साल में सिर्फ 25 लाख इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर्स को टारगेट करने की नई स्कीम के मद्देनजर हम इसमें गिरावट का जोखिम भी देखते हैं।'
जेफरीज के मुताबिक, देश के इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर्स मार्केट में ओला इलेक्ट्रिक सबसे अहम मैन्युफैक्चरर बनकर उभरी है। उसका कहना है कि 2022-23 में इसका मार्केट शेयर 21 पर्सेंट था, जो 2023-24 में बढ़कर 35 पर्सेंट हो गया। इसके बाद, 2024-25 की पहली तिमाही में यह हिस्सेदारी बढ़कर 49 पर्सेंट हो गई। हालांकि, जेफरीज की रिपोर्ट के मुताबिक अगस्त में यह हिस्सेदारी घटकर 31 पर्सेंट हो गई। दूसरी तरफ, जून तिमाही में बजाज, TVS और एथर की हिस्सेदारी में बढ़ोतरी हुई है।