Paytm की सालाना जनरल मीटिंग, नाराज निवेशकों को CEO विजय शेखर शर्मा ने कुछ यूं समझाया
शेयर बाजार में सूचीबद्ध होने के बाद हुई पेटीएम (Paytm) की पहली सालाना जनरल मीटिंग (AGM) में कई शेयरहोल्डरों ने कंपनी के मुनाफे और शेयरों की कीमत को लेकर मुश्किल सवाल पूछे
कागजों के मुताबिक, शुक्रवार को पेटीएम (Paytm) की 22वीं सालाना जनरल मीटिंग (AGM) आयोजित हुई
Paytm Share Price: कागजों के मुताबिक, शुक्रवार 19 अगस्त को पेटीएम (Paytm) की 22वीं सालाना जनरल मीटिंग (AGM) आयोजित हुई। हालांकि पिछले साल नवंबर में शेयर बाजार में सूचीबद्ध होने के बाद कंपनी की शेयरहोल्डरों के साथ यह पहली AGM थी। Paytm ने 18,300 करोड़ रुपये के IPO के साथ शेयर बाजार में एंट्री की थी और उस वक्त देश के कॉरपोरेट इतिहास का यह सबसे बड़ा आईपीओ था। हालांकि लिस्टिंग के बाद से कंपनी के वैल्यूएशन में अब तक काफी गिरावट आ चुकी है।
पेटीएम ने अपना इनीशियल पब्लिक ऑफर (IPO) 2,150 रुपये प्रति शेयर के भाव पर लॉन्च किया था। हालांकि ग्लोबल लेवल पर टेक कंपनियों की वैल्यूएशन में आई गिरावट के बीच कंपनी के शेयरों की कीमत अपने IPO प्राइस से करीब 64 फीसदी नीचे आ चुकी है।
मार्च में RBI ने इसकी पेटीएम बैंक यूनिट को नए ग्राहक जोड़ने से रोक दिया था। RBI ने इसके कस्टमर्स डेटा को मैनेज करने के तरीके पर चिंता जताई थी। एनालिस्ट्स और निवेशकों ने टॉप-मैनेजमेंट को बड़े शेयर-आधारित पेमेंट और मुनाफे के मुद्दे पर कंपनी की आलोचना की थी।
सबसे अधिक चिंताजनक बात शायद पेटीएम के फाउंडर विजय शेखर शर्मा की CEO के रूप में अगले पांच सालों के लिए दोबारा नियुक्ति का विरोध था। तीन प्रॉक्सी एडवाइजर फर्मों ने उनकी दोबारा नियुक्ति और सैलरी पैकेज के खिलाफ सलाह दी थी। हालांकि कंपनी ने अभी तक यह खुलासा नहीं किया है कि निवेशकों ने अपने AGM वोट में इस मामले पर किस तरह का रुख जताया।
सार्वजनिक मंच पर निवेशकों के सवालों का सामना करते हुए समस्याओं की इतनी लंबी सूची कई CEO को परेशान कर सकती है। लेकिन, शायद ही कोई कह सकता है कि AGM के दौरान इन बातों ने विजय शेखर शर्मा को कुछ खास परेशान किया।
AGM के दौरान शेयरधारकों ने बेशक मुनाफे और शेयर की कीमतों के बारे में कठिन सवाल पूछे। कुछ ने शेयरों की कीमत में गिरावट को लेकर नाराजगी जताई। एक निवेशक ने कहा कि उसे लगा कि उसके साथ धोखा हुआ है। वहीं एक निवेशक ने इनवेस्टममेंट बैंकर्स पर नाराजगी जताई क्योंकि उनके हिसाब से इनवेस्टमेंट बैंकर्स ने IPO प्राइस को लेकर गलत उम्मीदें जताई।
इन सबके बावजूद, पेटीएम के फाउंडर्स इन सवालों के जवाब देने में काफी सहज दिखे। हाल ही में सूचीबद्ध कई टेक कंपनियों के सीईओ ने AGM के दौरान अपने मातहात कर्मचारियों को शेयरधारकों के मुश्किल सवालों का जवाब देने का काम सौंपा था। हालांकि विजय शेखर शर्मा ने इसकी जगह खुद बिजनेस मॉडल और स्टॉक की कीमत के बारे में अधिकांश शेयरधारक संदेहों को दूर किया।
शर्मा ने डिजिटल के अंडर-पेंट्रेशन और बड़े साइज का इस्तेमाल किया। साथ ही उन्होंने बार-बार बोर्ड के सदस्यों और शेयरधारकों को उनके समर्थन के लिए धन्यवाद दिया।
निवेशकों की तरफ से भी मैनेजमेंट की तारीफ हुई। उनमें से एक ने फाउंडर्स को अच्छा दिल रखने के लिए बधाई दी। वहीं एक दूसर ने हर जगह पेटीएम इक्विपमेंट और QR कोड की व्यापक स्वीकार्यता पर गर्व जताया।
मुश्किल सवाल
शर्मा के इस आश्वासन के बावजूद कि कंपनी सितंबर 2023 तक EBITDA के स्तर पर मुनाफे में आ जाएगी, कई शेयरधारक ने इससे आश्वस्त नहीं थे। शेयर की कीमत में गिरावट के बीच विदेशी ब्रोकरेज फर्म मैक्वेरी (Macquarie) ने अभी भी इस पर 450 रुपये का टारगेट प्राइस बनाया रखा है। ऐसे में शेयरधारकों के पास कंपनी के घाटे से बाहर आने की योजना को लेकर कई सवाल थे।
एक शेयरधारक ने पूछा, "मैनेजमेंट के लोग मोटी सैलरी लेकर घर जा रहे हैं। आज सभी लोग किसी न किसी तरीके से पेटीएम का इस्तेमाल कर रहे हैं। फिर भी कंपनी घाटा क्यों बना रही है? शेयर का कीमत करीब आधी हो गई और यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है।" वहीं एक दूसरे शेयरधारक ने कंपनी पर रिटेल निवेशकों को धोखा देने का आरोप लगाया।
विदेशों में विस्तार?
पेटीएम मैनेजमेंट की सबसे बड़ी प्राथमिकता को लेकर चीजें शायद तब थोड़ी सामने आईं, जब एक निवेशक ने कंपनी के विदेशी में विस्तार के बारे में सवाल पूछा। शर्मा ने तुरंत ही इसका जवाब देते हुए कहा कि पेटीएम की तकनीक विश्व-स्तरीय है और उनकी महत्वकांक्षा इसे एक ऐसी कंपनी बनाने को लेकर थी, जो दुनिया भर की बेहतरीन कंपनियों के साथ मुकाबले करे।
हालांकि, उन्होंने साथ ही यह भी कहा कि पेटीएम का तात्कालिक लक्ष्य भारतीय बाजार में ग्रोथ करना और शेयरधारकों के लिए मुनाफा कमाना है।
पेटीएम के CEO ने कहा, "हम जो तकनीक बना रहे हैं वह विश्व स्तरीय है। हमारी योजना भारत के कारोबार को लाभदायक बनाने और फ्री कैश-फ्लो पैदा करने की है। साथ ही हम ब्रोकरेज और इंश्योरेंस बिजनेस का विस्तार करने पर फोकस करेंगे और फिर हम अंतरराष्ट्रीय बाजारों में जाने के बारे में सोचेंगे।"