फिनटेक कंपनी Paytm और इसके फाउंडर-CEO विजय शेखर शर्मा ने कर्मचारी स्टॉक विकल्प (ESOP) नियमों के उल्लंघन मामले में भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) के साथ समझौता कर लिया है। इस समझौते के तहत शर्मा पर अगले तीन साल तक किसी भी लिस्टेड कंपनी से नए ESOP स्वीकार करने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।
SEBI ने गुरुवार को एक बयान में कहा कि Paytm और विजय शेखर शर्मा दोनों ने ₹1.1 करोड़ की सेटलमेंट फीस अदा की है।
सेबी की यह कार्रवाई उस मामले से जुड़ी है, जिसमें शर्मा को साल 2021 में कंपनी के पब्लिक होने से पहले 2.1 करोड़ ESOP दिए गए थे, जो रेगुलेटरी नियमों के उल्लंघन में पाए गए। SEBI की जांच में सामने आया था कि इतने बड़े पैमाने पर ESOP का आवंटन उस नियम का उल्लंघन है, जिसके तहत कोई भी प्रमोटर या ऐसा शेयरधारक, जो कंपनी के फैसलों को प्रभावित कर सकता है, ESOP का लाभ नहीं ले सकता।
शर्मा ने इन विकल्पों को हासिल करने के लिए IPO से पहले अपनी हिस्सेदारी 14.7% से घटाकर 9.1% कर दी थी। इसके तहत उन्होंने 3.097 करोड़ शेयर Axis Trustee Services को ट्रांसफर किए थे, जो उनके पारिवारिक ट्रस्ट की ओर से काम करता है।
हालांकि, विवाद बढ़ने के बाद पिछले महीने शर्मा ने अपनी मर्जी से ESOP वापस कर दिए। इससे कंपनी को ₹492 करोड़ का एकमुश्त एकाउंटिंग चार्ज झेलना पड़ा।
इस मामले में विजय शेखर शर्मा के भाई अजय शेखर शर्मा भी शामिल थे। उन्होंने भी अपने हिस्से के स्टॉक विकल्प रद्द करते हुए SEBI के साथ समझौता किया है।
Paytm की पेरेंट कंपनी One 97 Communications Ltd के शेयर में गुरुवार (8 मई) को गिरावट दर्ज की गई। BSE पर इसका स्टॉक 5.07% गिरकर ₹829.20 पर बंद हुआ। पिछले एक साल में पेटीएम के शेयरों ने 161.45% का मल्टीबैगर रिटर्न दिया है। हालांकि, इस साल यानी 2025 में अब तक पेटीएम ने 16.04% का नेगेटिव रिटर्न दिया है।