Zomato Share price : त्यौहारी सीज़न में मांग बढ़ने से लेन-देन में आने वाली तेजी से फायदा उठाने के लिए फ़ूड डिलीवरी की दिग्गज कंपनी ज़ोमैटो ने अपने प्लेटफ़ॉर्म शुल्क को पहले के 10 रुपये से बढ़ाकर 12 रुपये प्रति ऑर्डर कर दिया है। हालांकि यह बढ़त मामूली लगती है। लेकिन इससे ऑर्डरों पर अधिक मुनाफा कमाने और कंपनी के कुल मुनाफे को बढ़ाने में सहायता मिलेगी। कंपनी ने 1 साल बाद प्लेटफॉर्म फीस बढ़ाई है। कंपनी की प्लेटफॉर्म फीस 2 साल में 6 गुना बढ़ी है। शुरुआत में बढ़ी हुई फीस देश के 40 फीसदी हिस्से में लागू होगी। धीरे-धीरे इसे बाकी देश में लागू किया जाएगा।
ज़ोमैटो की प्रतिद्वंद्वी स्विगी ने भी त्योहारों की भीड़ का फायदा उठाने के लिए अपने प्लेटफॉर्म शुल्क में 2 रुपये की बढ़ोतरी की है। जिससे इसका प्लेटफ़ॉर्म शुल्क प्रति ऑर्डर 14 रुपये हो गया है।
बता दें कि प्लेटफ़ॉर्म शुल्क, ज़ोमैटो और स्विगी दोनों की तरफ से हर ऑर्डर पर लगाया जाने वाला एक अतिरिक्त शुल्क है। यह डिलीवरी शुल्क, जीएसटी और रेस्टोरेंट शुल्क जैसे अन्य शुल्कों के अतिरिक्त लगाया जाने वाला शुल्क है। पहली बार अप्रैल 2023 में केवल 2 रुपये प्रति ऑर्डर की दर से शुरू किये गए इस ऑर्डर को ज़ोमैटो ने पिछले दो सालों में 6 गुना बढ़ाकर 12 रुपये कर दिया है।
ज़ोमैटो के वर्तमान ऑर्डर वॉल्यूम लगभग 2.3-2.5 मिलियन ऑर्डर प्रतिदिन है। 12 रुपये का प्लेटफ़ॉर्म शुल्क कंपनी के लिए 3 करोड़ रुपये तक का जेनरेट कर सकता है। जब यह शुल्क 10 रुपये था तब इससे कंपनी को करीब 2.5 करोड़ रुपये प्रतिदिन आय होती थी। प्लेटफॉर्म शुल्क बढ़ने से कंपनी को प्रति तिमाही 45 करोड़ रुपये तक की अतिरिक्त आय हो सकती है।
हालांकि 2 रुपये की बढ़त यूजरों को मामूली लग सकती है, लेकिन डेली ट्रांजेक्शन के नजरिए से देखें तो इसका कुल प्रभाव से कंपनी की वित्तीय सेहत में सुधार कर सकता है।