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RBI विदेश से कर्ज जुटाने के नियमों को आसान बनाएगा, जानिए क्या है केंद्रीय बैंक का प्लान

RBI का प्लान कंपनियों की फॉरेन बॉरोइंग लिमिट को उनके फाइनेंशियल स्ट्रेंथ से लिंक करने का है। साथ ही इस तरह से ज्यादातर कर्ज पर कॉस्ट की लिमिट हटा दी जाएगी। केंद्रीय बैंक के नए कदम से कंपनियां 1 अरब डॉलर या अपने नेटवर्थ का 300 फीसदी, दोनों में जो कम होगा तक विदेश से कर्ज जुटा सकेंगी

MoneyControl Newsअपडेटेड Oct 03, 2025 पर 8:27 PM
RBI विदेश से कर्ज जुटाने के नियमों को आसान बनाएगा, जानिए क्या है केंद्रीय बैंक का प्लान
आरबीआई ने इन प्रस्तावों पर 24 अक्टूबर तक फीडबैक मांगा है। उसके बाद वह नियम फाइनल करेगा।

आरबीआई कंपनियों के लिए विदेश से पैसे जुटाने के नियमों को आसान बनाना चाहता है। केंद्रीय बैंक ने इसका ऐलान 3 अक्टूबर को किया। अब कंपनियां अपनी फाइनेंशियल स्ट्रेंथ के हिसाब से विदेश से कर्ज जुटा सकेंगी। इससे इकोनॉमी में फंड का फ्लो बढ़ेगा। अभी आरबीआई ने इस बारे में प्रस्ताव पेश किया है। इस पर फीडबैक मिलने के बाद वह नियम बनाएगा। आरबीआई के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने 1 अक्टूबर को मॉनेटरी पॉलिसी में भी फंड का फ्लो बढ़ाने के लिए कई उपायों का ऐलान किया था।

कर्ज के लिए कॉस्ट की लिमिट हटेगी

RBI का प्लान कंपनियों की फॉरेन बॉरोइंग लिमिट (Foreign Borrowing Limit) को उनके फाइनेंशियल स्ट्रेंथ से लिंक करने का है। साथ ही इस तरह के ज्यादातर कर्ज पर कॉस्ट की लिमिट हटा दी जाएगी। केंद्रीय बैंक के नए कदम से कंपनियां 1 अरब डॉलर या अपने नेटवर्थ का 300 फीसदी, दोनों में जो कम होगा तक विदेश से कर्ज जुटा सकेंगी। पहले ऑटोमैटिक रूट से 1.5 अरब डॉलर की लिमिट थी। इसके लिए खास एप्रूवल लेना पड़ता था। अब यह व्यवस्था खत्म हो जाएगी।

एलिजिबल कंपनियों का दायरा भी बढ़ेगा

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