Reliance AGM : रिलायंस इंडस्ट्रीज (RIL)के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने आज 28 अगस्त को कंपनी की 46 वीं एजीएम में कहा कि जियो प्लेटफॉर्म देश की सरकार, कारोबारियों और उपभोक्ताओं के लिए भारत विशेष (India-specific)आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) मॉडल का विकास करेगा। इसके साथ ही कंपनी 2000 मेगावाट की एआई-रेडी कंप्यूटिंग क्षमता भी विकसित करेगी। एजीएम में अंबानी ने कहा, "भारत के पास स्केल है। भारत के पास डेटा है। भारत के पास प्रतिभा है। लेकिन हमें एआई-रेडी डिजिटल बुनियादी ढांचे की भी जरूरत है जो एआई की विशाल कम्प्यूटेशनल मांगों को पूरा सके। हम 2,000 मेगावाट तक एआई-रेडी कंप्यूटिंग क्षमता विकसित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।"
उन्होंने आगे कहा, "सात साल पहले, जियो ने हर किसी को, हर जगह ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी देने का वादा किया था। हमने इसे पूरा किया है। आज जियो हर किसी को, हर जगह एआई का वादा करता हैऔर हम इसे पूरा करेंगे।"
2016 में टेलीकॉम सेक्टर में रिलायंस समूह के कदम रखने के बाद से ही आरआईएल नई तकनीकी में सबसे आगे रहने की रणनीति पर कायम। इसके लिए कंपनी व्यापक बदलावों से गुजरी है। कंपनी ने ई-कॉमर्स, एडटेक, लॉजिस्टिक्स टेक, ड्रोन और कई दूसरे नए जमाने के सेक्टर में बड़ा निवेश किया है।
आरआईएल के चीफ ने आगे कहा "हम डिजिटल टेक्नोलॉजी के लिए ग्लोबल पेटेंट फाइल करने वाले सबसे बड़े फाइलर्स (आवेदकों) में से एक बन गए हैं। ये एक टेक्नोलॉजी कंपनी के रूप में हमारे बदवाल की पुष्टि करता है। जियो प्लेटफार्म देश और विदेश दोनों में वैल्यू क्रिएशन को बढ़ावा देने के लिए मेड-इन-इंडिया तकनीक का फायदा उठा रहा है।"
कंपनी की एजीएम में मुकेश अंबानी ने आगे कहा "नए रिलायंस का परिचय करने का सबसे अच्छा तरीका यह है कि हम कहें कि रिलायंस अपनी विशिष्ट क्षमताओं के साथ एक नए युग की टेक्नोलॉजी कंपनी बन गई है। आज रिलायंस टेक्नोलॉजी की डेवलपर होने के साथ, इसको बड़े पैमाने पर लागू करने वाली कंपनी भी हो गई है। अपने प्रयास से कंपनी नई टेक्नोलॉजी को आम लोगों के बीच सस्ते में उपलब्ध करवाया है।"