Trump Policy: दिक्कतों से जूझ रही चिप कंपनी इंटेल (Intel) में सरकार ने 10% हिस्सेदारी हासिल की है। यह खुलासा कॉमर्स सेक्रेटरी हावर्ड लुटनिक (Commerce Secretary Howard Lutnick) ने शुक्रवार को किया। अमेरिका के कॉरपोरेट वर्ल्ड को नियंत्रित करने की ट्रंप सरकार की कोशिशों के तहत यह कदम उठाया गया है। अमेरिका में एडवांस चिप बनाने वाली इकलौती कंपनी इंटेल में अमेरिकी सरकार ने करीब $890 करोड़ का निवेश किया है। प्रेस रिलीज के मुताबिक सरकार ने प्रति शेयर $20.47 के भाव पर करीब 43.33 शेयर खरीदे हैं। सरकार ने ये शेयर डिस्काउंट पर खरीदे हैं। शुक्रवार को नास्डाक पर यह $1.30 यानी 5.53% की बढ़ोतरी के साथ $24.80 पर बंद हुआ था।
Intel के शेयरों के लिए कहां से आया फंड?
इंटेल के 43.33 करोड़ शेयरों को सरकार ने करीब $890 करोड़ में खरीदा है। इसमें से करीब $570 करोड़ चिप्स एक्ट के तहत दिए गए ग्रांट्स यानी अनुदानों से आए हैं, जो पहले मंजूर तो किए गए थे लेकिन भुगतान नहीं हुआ था। वहीं बाकी $320 करोड़ एक अलग सरकारी कार्यक्रम से आए हैं, जिसका उद्देश्य सुरक्षित चिप्स का निर्माण है। इस सौदे को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि इंटेल के शेयरों की खरीदारी के लिए अमेरिका ने कुछ खर्च नहीं किया है और अब उसके शेयरों की वैल्यू करीब $1100 करोड़ है। उन्होंने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रुथ सोशल पर लिखा है कि यह सिर्फ अमेरिका के लिए ही बड़ी डील नहीं है बल्कि इंटेल के लिए भी नहीं है।
5% शेयर और ले सकती है सरकार, लेकिन बोर्ड में जगह नहीं
इंटेल में सरकार ने 10% हिस्सेदारी खरीदी है। इसके अलावा सरकार को यह अधिकार भी मिला है कि अगर इंटेल के पास अपने फाउंड्री बिजनेस की मेजॉरिटी हिस्सेदारी नहीं होती तो वह 5% हिस्सेदारी और खरीदने के विकल्प का इस्तेमाल कर सकती है। हालांकि इंटेल ने यह स्पष्ट कर दिया है कि बोर्ड में सरकार को जगह नहीं मिलेगी और न ही इसे चलाने में सरकार की कोई भूमिका होगी यानी गवर्नेंस राइट्स भी नहीं मिलेगा।
कैसी है इंटेल की कारोबारी स्थिति?
इंटेल इस समय काफी दिक्कतों से जूझ रही है क्योंकि इसकी तकनीक ताइवान सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग कंपनी से पिछड़ रही है। ताइवान सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग कंपनी एपल, एनवीडिया, क्वालकॉम, एएमडी के साथ-साथ इंटेल जैसी कंपनियों के लिए भी चिप्स बनाती है। इंटेल ओहियो में कई चिप फैक्ट्री बनाने के लिए अरबों डॉलर खर्च कर रही है। कंपनी ने इसे सिलिकॉन हार्टलैंड कहा है और यहां एआई समेत अधिकतर एडवांस्ड चिप बनाए जाएंगे। हालांकि जुलाई महीने में कंपनी ने एंप्लॉयीज से कहा कि मार्केट की स्थिति को देखते हुए इसके निर्माण की रफ्तार सुस्त ती जा रही है और अब इसकी ओहियो में स्थित फैक्ट्री वर्ष 2030 में शुरू होगी।