आज देश की संसद में आर्थिक बजट पेश करने के बाद केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण इस समय प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रही हैं। बजट के बाद ये इनकी पहली प्रेस कॉन्फ्रेंस है। इस अवसर पर मीडिया को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि इकोनॉमी में तेजी लाने पर जोर दिया है। वहीं इंफ्रा पर खास फोकस रखना जरूरी है। इकोनॉमी में सुधार लाने के लिए इंफ्रा पर बड़े खर्च का फैसला लिया है।
वित्त मंत्री ने आगे कहा कि बजट में बेहतर हेल्थ मैनेजमेंट पर फोकस किया गया है। इस बजट से अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी। इसके साथ ही हेल्थकेयर सेक्टर की क्षमता बढ़ाने पर जोर दिया गया है।
एग्री इंफ्रा सेस पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि एग्री इंफ्रा सेस का जनता पर बोझ नहीं पड़ेगा। एग्री इंफ्रा सेस के जरिए रीस्ट्रक्चरिंग की गई है। इसके अलावा एग्रीकल्चर सेक्टर के लिए अहम फैसले जरूरी हैं।
देश की सीमा पर चीन द्वारा दिये जा रहे टेंशन की वजह से रक्षा बजट की तरफ भी लोगों की निगाहें लगी थी। चीन का रक्षा बजट भारत से करीब 5 गुना बड़ा है इसकी तुलना के बारे में पूछे गये प्रश्न पर वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार ने इस बजट में डिफेंस पर ज्यादा जोर दिया है और उस पर फोकस किया है। इसलिए अबकी बार इस बजट में रक्षा बजट में 20 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी की है।
किसानों के आंदोलन के मुद्दे पर भी उन्होंने बात की जब उनसे पूछा गया कि बजट से पहले और बाद तक बॉर्डर पर किसान विभिन्न मांगों और कृषि बिल को रद्द करने के लिए सरकार के खिलाफ आंदोलन कर रहे हैं। इस पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए निर्मला सीतारमण ने कहा कि सरकार की तरफ कृषि मंत्री हमेशा किसानों से बात करने के लिए तैयार हैं। उनकी बातों को कृषि मंत्री और सरकार द्वारा गंभीरता से लिया जायेगा। उन्होंने जोर देकर कहा कि किसानों के किसी भी मुद्दे का समाधान केवल बातचीत के जरिये ही निकाला जा सकता है और सरकार किसानों से बातचीत करने के लिए हमेशा तैयार है।
कृषि कानूनों को रद्द करने के प्रश्न पर उन्होंने बिंदु-दर-बिंदु कानून के सभी पहलुओं पर चर्चा किये जाने की बात की। उन्होंने कहा कानून के हर खंड पर क्रमवार तरीके से बातचीत करने की जरूरत है।
पेट्रोल-डीजल की कीमतों पर बढ़ोत्तरी के प्रश्न पर वित्त मंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार की पेट्रोल की कीमतों को लेकर कोई भूमिका नहीं है। ये पूरी तरह से बाजार पर निर्भर करती हैं।