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स्टैच्यू ऑफ यूनिटी को देश से जोड़ेंगी 8 नई ट्रेनें, पीएम मोदी ने कहा- इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ

ये आठ ट्रेनें केवड़िया को वाराणसी, दादर, अहमदाबाद, हजरत निजामुद्दीन, रीवा, चेन्नई और प्रतापनगर से जोड़ेंगी

अपडेटेड Jan 18, 2021 पर 10:04 AM
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देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने आज को गुजरात के केवडिया में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए स्टैच्यू ऑफ यूनिटी (Statue of Unity) को जोड़ने वाली 8 ट्रेनों को हरी झंडी दिखाई। इस मौके पर गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रुपाणी और रेल मंत्री पीयूष गोयल भी मौजूद रहे। ये ट्रेनें केवड़िया (स्टैच्यू ऑफ यूनिटी) से वाराणसी, दादर, अहमदाबाद, हजरत निजामुद्दीन, रीवा, चेन्नई और प्रतापनगर को जोड़ेंगी। देशवासियों को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि केवड़िया की पहचान एक भारत-श्रेष्ठ भारत का मंत्र देने वाले सरदार पटेल से होती है। उन्होंने कहा कि स्टैच्यू ऑफ यूनिटी देखने वालों की संख्या स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी से ज्यादा है। इस मौके पर पीएम मोदी ने गुजरात में कई अन्य रेलवे प्रोजेक्ट्स का भी उद्घाटन किया।

पीएम मोदी ने कहा कि रेलवे के इतिहास में संभवत: ऐसा पहली बार हो रहा है जब एक साथ देश के अलग-अलग कोने से एक ही जगह के लिए इतनी ट्रेनों को हरी झंडी दिखाई गई हो। केवड़िया जगह भी तो ऐसी है, इसकी पहचान देश को एक भारत, श्रेष्ठ भारत का मंत्र देने वाले सरदार पटेल की दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा है। पीएम मोदी ने बताया कि इस उद्घाटन के बाद से क़रीब 50 लाख लोग स्टैच्यू ऑफ यूनिटी को देखने आ चुके हैं।


रोजगार के नए अवसर बढ़ेंगे

उन्होंने कहा कि इस रेल कनेक्टिविटी का सबसे बड़ा लाभ स्टैच्यू ऑफ यूनिटी देखने आने वाले पर्यटकों को मिलेगा। साथ ही ये कनेक्टिविटी के​वड़िया के आदिवासी भाई-बहनों के जीवन में बदलाव आएगा।  इससे रोजगार और स्वरोजगार के नए अवसर बनेंगे।

रेल नेटवर्क का हो रहा है विकास

रेलवे के बारे में पीएम मोदी ने कहा कि देश में रेल नेटवर्क के आधुनिकीकरण के साथ ही आज देश के उन हिस्सों को रेलवे से जोड़ा जा रहा है जो अभी जुड़े नहीं थे। आज पहले से कहीं ज़्यादा तेज़ी के सा​थ पुराने रेल रूट का चौड़ीकरण और बिजलीकरण किया जा रहा है, रेल ट्रैक को ज़्यादा स्पीड के लिए सक्षम बनाया जा रहा है। पीएम मोदी ने कहा कि आज़ादी के बाद हमारी ज़्यादातर ऊर्जा पहले की रेल व्यवस्था को सुधारने में लगी रही। उस दौरान नई सोच और नई तकनीक पर फोकस कम रहा। ये अप्रोच बदली जानी बहुत जरूरी थी, इसलिए बीते सालों में देश में रेलवे के पूरे सिस्टम में बड़े पैमाने पर बदलाव का काम किया गया।

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First Published: Jan 17, 2021 12:23 PM

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